वेधन सेवाएँ ओएनजीसी केपेक्स का 55 प्रतिशत से अधिक हैं। 2017 में 501 कूपों का वेधन किया गया था, जो कंपनी के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष 2015 के सत्र से चक्कर गति में लगभग 2% की वृद्धि हुई है और वेधन लागत में 40% से अधिक की कमी दर्ज की गई है।
ओएनजीसी लगभग 105 वेधन और 74 वर्क ओवर रिगों का प्रचालन करता है। यह विश्व की कुछेक कंपनियों में से है, जिसने विविध और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में 127 गहन जल कूपों का वेधन किया है जिससे इसने स्वयं को भारत में अग्रणी तेल वेधन कंपनियों में से एक प्रमुख कंपनी के रूप में स्थापित कर दिया है।
प्रौद्योगिकी आसव (टेक्नोलॉजी इनफ्यूज़न) - संतुलित वेधन के तहत प्रारंभ करने, उन्नत हाइब्रिड बिटों के प्रयोग, अपतट में बैच वेधन और अभितट में पैड वेधन के माध्यम से संसाधन अनुकूलन की दृष्टि से एक बड़ी प्रगति की गई है।
अभितट, अपतट (छिछले जल) और अभितट (गहन जल) प्रचालनों के प्रति अधिक ध्यान केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की दृष्टि से अपतट वेधन प्रचालनों में प्रचालनात्मक दक्षता लाने के लिए एक नई अवधारणा ''कंपनी विद-एन कंपनी'' आरंभ की गई है।
यात्रा-संबंधी ब्लॉक के संचार (ट्रेवलिंग ब्लॉक मूवमेंट) के लिए एक अभितट वेधन रिग पर एक आंतरिक अभिनव टीएलसी नियंत्रित सुरक्षा प्रणाली सफलतापूर्वक संस्थापित कर दी गई है।
कूप वेधन एवं वर्कओवर प्रचालन
आरक्षित भंडारों में पहुंच में वृद्धि करने और प्रवाह पथ को बढ़ाने के लिए पहली बार चार कूपों में रेडियल ड्रिलिंग आरंभ की गई है, जो एक उत्पादकता में सुधार करने वाली वेधन प्रौद्योगिकी है ।
पूरे विश्व में कूपों की उत्पादकता में वृद्धि करने में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस प्रकार ओएनजीसी के एक मुख्य धारा की (मेनस्ट्रीम) तेल वेधन कंपनी होने के नाते निम्न संभावना वाले कूपों, जो पहले आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं थे, में एचएफ कार्यों के निष्पादन की योजनाएँ अब इस कार्य की निम्न लागत के कारण आरंभ की जा सकती हैं।
कूप परीक्षण एवं स्टिमुलेशन
ओएनजीसी में कूप स्टिमुलेशन सेवाओं ने लगभग ` 9.8 मिलियन के मूल्य के देशज उत्पाद हैं और इन सेवाओं में इस प्रक्रिया ने 10 विक्रेताओं को विकसित किया है। इसने भारत में एक अग्रणी तेल वेधन कंपनी की अपनी स्थिति को बनाए रखते हुए अपने मेक इन इंडिया प्रयासों में स्वदेशी उपकरणों और सेवाओं के इस्तेमाल के जरिए ` 364.4 मिलियन भी बचाए हैं।
कूप सेवाओं का रिग बीएचईएल 120 VI सफलतापूर्वक तैयार किया गया था जिससे वर्क ओवर रिग को एक नया जीवन प्राप्त हुआ था।
इस उच्च तापमान के लिए आंतरिक रूप से विकसित फ्रैक्चर फ्लुइड का इस्तेमाल करके आंतरिक दल द्वारा राजमुंद्री में निम्नतम और उच्चतम तापमान (4069.5 मीटर की गहराई और बीएचटी-165.5 डिग्री सेल्सियस) वाले कूप की सफल फ्रैक्चरिंग की गई थी।