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ONGC Clean Development Mechanism

स्वच्छ विकास तंत्र के क्षेत्र में बढ़त बनाने वाला ओएनजीसी देश का पहला पीएसयू था। कंपनी ने अपनी स्वच्छ विकास तंत्र (सीडीएम) यात्रा वर्ष 2006 में शुरू की थी। वर्तमान में, इसके पास 15 सीडीएम परियोजनाएं हैं जो ‘जलवायु परिवर्तन संबंधी संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (यूएनएफसीसीसी) में  पंजीकृत हैं। ये सीडीएम सालाना लगभग 2.1 मिलियन प्रमाणित उत्सर्जन कमी (सीईआर) कारित (क्षमता) करते हैं। कंपनी की पंजीकृत सीडीएम परियोजनाएं निम्‍नवत हैं :

क्र.सं. परियोजनाएं सीईआर/वर्ष
1 प्रोसेस गैस कंप्रेसर (पीजीसी), मुंबई हाई साउथ (अपतटीय प्लेटफॉर्म) से 1 अपशिष्‍ट उष्‍मा वसूनी (वेस्ट हीट रिकवरी)। 5320
2 हजीरा गैस प्रोसेसिंग कॉम्प्लेक्स (एचजीपीसी) के सह-उत्पादन संयंत्र में गैस टर्बाइन 1 (जीटी 1) और गैस टर्बाइन 2 (जीटी 2) का उन्‍नयन। 7802
3 उरन संयंत्र में दहन (फ्लेयर) गैस रिकवरी परियोजना। 97740
4 हजीरा गैस प्रोसेसिंग कॉम्प्लेक्स (एचजीपीसी), हजीरा संयंत्र में दहन (फ्लेयर) गैस रिकवरी परियोजना। 8793
5 हजीरा संयंत्र में अमाइन सर्कुलेशन पंप एनजी एफिसिंयेंसी । 4043
6 सूरजबारी में ओएनजीसी की 51 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना। 85762
7 मुंबई में ऊर्जा कुशल हरित भवन (एनर्जी एफिशिएंट ग्रीन बिल्डिंग)। 544
8 देहरादून में ऊर्जा कुशल हरित भवन 735
9 नीलम और हीरा परिसंपत्ति में गैस फ्लेयरिंग में कमी। 65811
10 त्रिपुरा, भारत में प्राकृतिक गैस आधारित संयुक्‍त चक्र विद्युत संयंत्र ओटीपीसी। 1612506
11 कोलकाता में ऊर्जा कुशल हरित भवन। 1881
12 दिल्ली में ऊर्जा कुशल हरित भवन। 5944
13 जीजीएस चाराली असम में गैस दहन (फ्लेयर) में कमी। 15172
14 नीलम और हीरा में एमओएल पंपों का प्रतिस्थापन। 10539
15 जैसलमेर, राजस्थान में 102 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना। 180177
  कुल 2102769

सीडीएम रजिस्ट्री खाते (यूएनएफसीसी) से सीपी-1 क्रेडिट अवधि की 1,34,419 सीईआर की स्वैच्छिक कार्यमुक्ति के बाद चार उत्पादन प्रतिष्‍ठानों (सीपीएफ गांधार, गांधार जीजीएस-I, अंकलेश्वर सीटीएफ और नवागाम सीटीएफ) को वर्ष 2015-16 के लिए कार्बन न्‍यूट्रल घोषित किया गया।

संधारणीय जल प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम)

एक ई एंड पी कंपनी के रूप में, कंपनी का व्यवसाय स्‍थायी ताजा जल संसाधनों पर निर्भर करता है जो मौजूदा समय में संकट में हैं। वैश्विक स्तर पर, ताजे पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता लगातार कम होती जा रही है, और उपभोग में लगातार वृद्धि होने तथा जलवायु परिवर्तन के साथ यह प्रवृति आगे भी बनी रहने वाली है। इस स्थिति में, कंपनी के लिए आवश्‍यक है कि यह संधारणीय संवृद्धि और विकास हासिल करने के लिए जल प्रबंधन की नई कार्यनीतियाँ विकसित करे। कंपनी की मौजूदा वर्षा जल संचयन परियोजनाओं का विवरण नीचे दिया गया है।

  • अहमदाबाद परिसंपत्ति के विभिन्न स्थानों पर 29 भूजल पुनर्भरण कूप।
  • हरित भवन, मुंबई में छत और अन्य सतह के वर्षा जल का संचयन।
  • अंकलेश्वर परिसंपत्ति के आवासीय परिसर में बोरवेल पुनर्भरण हेतु अंतःस्रवण कूप (परकोलेशन वेल)।
  • दाहेज, गुजरात स्थित सी2-सी3 संयंत्र के अभिन्न अंग के रूप में में वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की गयी।
  • राजमुंदरी परिसंपत्ति बेस परिसर में वर्षा जल संचयन।
  • आईपीएसएचईएम, गोवा में 16 अंतःस्पंदन कूप (इंफिल्ट्रेशन वेल)।
  • आईआरएस, अहमदाबाद में 2 भूजल पुनर्भरण कूप।
  • केडीएमआईपीई, देहरादून में 6 भूजल पुनर्भरण कूप।
  • बेस परिसर, आरएफबी, जोधपुर में 1 भूजल पुनर्भरण कूप।
  • अगरतला, त्रिपुरा परिसंपत्ति स्थित के.वी. स्कूल, एनओबीएच और ऑफिसर्स क्लब में वर्षा जल संचयन (आरडब्ल्यूएच) प्रणाली।
  • पीपीसीएल बिल्डिंग, उरन संयंत्र, रायगढ़, महाराष्ट्र में आरडब्ल्यूएच प्रणाली।
  • पनवेल, महाराष्ट्र में भवाले हिल आरडब्ल्यूएच प्रणाली।
  • एसपीआईसी कैंपस, पनवेल, महाराष्ट्र में आरडब्ल्यूएच प्रणाली।
  • वडोदरा के पश्चिमी अभितट (ऑनशोर) के बेसिन में विभिन्न स्थानों पर आरडब्ल्यूएच प्रणाली।