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ओएनजीसी, जो सर्वाधिक मूल्‍यवान महारत्‍न कंपनी है, आज अपना 60वाँ स्‍थापना दिवस मना रहा है। 1956 में इसी दिन ओएनजीसी अस्तित्‍व में आया था। मंगलौर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्‍स लिमिटेड (एमआरपीएल), जो ओएनजीसी की एक समूह कंपनी है और ''मिनी रत्‍न-।'' है, मध्‍य पूर्व और दूरस्‍थ पूर्वी कच्‍चे तेल और उत्‍पाद बाज़ारों के निकट दक्षिण भारत के पश्चिमी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित, मंगलौर में दक्षिण कन्‍नड जिले के अत्‍यधिक हरित क्षेत्र में स्थित है। मूलत: हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन  लिमिटेड (एचपीसीएल) और आदित्‍य बिरला समूह (एबीजी) द्वारा प्रोन्‍नत एक संयुक्‍त उद्यम कंपनी के रूप में आरंभ की गई एमआरपीएल को 2003 में तेल ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) द्वारा एबीजी की शेयरधारिता प्राप्‍त कर लेने के पश्‍चात जीवन रेखा प्राप्‍त हुई । इस कंपनी की कायापलट हुई और इसने उत्‍पादन, टर्नओवर, क्षमता उपयोग, सुरक्षा कार्य-निष्‍पादन, ऊर्जा खपत, पर्यावरण, परियोजना कार्यान्‍वयन और गुणवत्‍ता प्रबंधन प्रक्रियाओं पर भारतीय तेल उद्योग में नोचिंग बेंचमार्कों से मुड़कर नहीं देखा ।

 

 


एमआरपीएल की रिफाइनिंग क्षमता, 01.04.2012 को यथास्थिति, भारत की कुल रिफाइनिंग क्षमता का लगभग 8% है । लगभग 9.5 की एक रिफाइनरी जटिलता के साथ अति आधुनिक प्रौद्योगिकियों, अभिप्रेरित कार्य बल और 15 एमएमटीपीए की उन्‍नत क्षमता से लैस एमआरपीएल रिफाइनिंग उद्योग में अपने समकक्षों के साथ प्रतियोगिता करने के लिए वैश्विक रूप से अपनी स्थिति बनाए हुए है । विस्‍तारण परियोजना के संस्‍थापन के पश्‍चात अपने उत्‍पाद पोर्टफोलियो में मूल्‍य वर्धित उत्‍पादों को जोड़ने के साथ एमआरपीएल ने अब वैश्विक बेंचमार्क स्‍थापित करने पर ध्‍यान केंद्रित किया है । लगभग ` 15,000 करोड़ (3 बिलियन अमरीकी डॉलर) के निवेश के साथ रिफाइनरी विस्‍तारण और परियोजना उन्‍नयन से रिफाइनिंग के मार्जिन में पर्याप्‍त सुधार होगा। इससे इसके सभी स्‍टेकहोल्‍डरों को मूल्‍य प्राप्‍त होगा। एमआरपीएल के बारे में अधिक जानने के लिए www.mrpl.co.in पर लॉगिन करें ।