भारत सरकार ने बोलीकरण और नामांकन के चार चक्रों के जरिए विभिन्न प्रचालकों को कुल 33 ब्लॉक अवार्ड किए हैं। इनमें से, ओएनजीसी कंपनी को 9 सीबीएम अवार्ड किए गए हैं। अन्वेषणात्मक क्रियाकलापों में सृजित आंकड़ों के आधार पर अंतिम रूप दी गई सीबीएम की निम्न संभाव्यता के कारण पांच ब्लॉक अर्थात सतपुड़ा (मध्य प्रदेश), वर्धा (महाराष्ट्र), बाड़मेर – संचोर (राजस्थान), उत्तरी कर्णपुरा (पश्चिम बंगाल) और दक्षिण कर्णपुरा (झारखंड) का परित्याग कर दिया गया है।
ओएनजीसी ने अपने चार कोल बेड मिथेन (सीबीएम) गैस ब्लॉक विकसित करने के लिए ` 4,000 करोड़ का निवेश करने का निर्णय लिया। इन चार ब्लॉकों में से दो झारखंड में उत्तरी कर्णपुरा और बोकारो में, 2017-18 की दूसरी छमाही में उत्पादन आरंभ कर देंगे। ओएनजीसी ने देश में सीबीएम की खोज करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं और वर्तमान में वह चार सीबीएम ब्लॉकों में प्रचालनरत है। बड़े और समयबद्ध कार्य को ध्यान में रखते हुए, इन प्रचालनों को निष्पादित करने के लिए इसने इसे अनुभवी साझेदारों में बांटने का निर्णय लिया है, जिसकी प्रक्रिया, उन्नत चरणों में है।
ओएनजीसी ने, ऊर्जा संकट से निपटने के लिए सीबीएम को सहारा बनाया है। यह, 2020-21 तक झारखंड में उत्पादन में 4,00,000 क्यूबिक मीटर तक वृद्धि करने के लिए आगामी वर्षों में बोकारो जिले के परबतपुर में 15 कूपों सहित 400 नए कूप खोदेगा।
ओएनजीसी ने, वर्ष 2003 में सीबीएम ब्लॉक बोलीकरण के प्रथम चक्र में बोकारो ब्लॉक जीता था। इसके अलावा, ओएनजीसी, पश्चिम बंगाल में उत्तरी कर्णपुरा ब्लॉक और रानीगंज उत्तर सीबीएम ब्लॉक का प्रचालन भी कर रहा है। झरिया ब्लॉक में गैस आरक्षित भंडारों के लगभग 85 बिलियन क्यूबिक मीटर, उत्तरी कर्णपुरा में 62 बिलियन क्यूबिक मीटर, बोकारो में 45 बिलियन क्यूबिक मीटर और रानीगंज उत्तर में 43 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस होने का अनुमान है।