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एसपीजी, भारत, जयपुर 2017 - अन्वेषण को ऊर्जावान बनाने के 25 वर्ष

एसपीजी इंडिया 17 से 19 नवम्बर, 2017 तक जेईसीसी जयपुर में अपने 12वें द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा प्रदर्शनी के आयोजन हेतु तैयार है।

ई एण्ड पी उद्योग तथा शिक्षा जगत के मध्य बेहतर विचार-विमर्श तथा ज्ञान साझा करने के लिए तकनीकी विचारो तथा व्यवहारिक अनुभवों के समाधान तथा स्थापन हेतु एक समान मंच की परिकल्पना की गई थी। सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम जियोफिजिस्टस (एसपीजी) इंडिया की स्थापना 25 वर्ष पहले 1992 में देहरादून में 30 अन्वेषण भू-भौतिकविदो के एक छोटे से समूह द्वारा की गई थी।

एसपीजी ने अत्यधिक प्रगति की है, देश तथा विदेश के ई एण्ड पी पेशेवरों, विख्यात वैज्ञानिकों, शैक्षणिक संस्थानों और छात्रों को जोड़कर अपने नेटवर्क का विस्तार किया है। एसपीजी-इंडिया की वर्तमान में 10 क्षेत्रीय शाखाएं हैं जिसमें एक विदेश (उत्तरी अमेरिका) में है और समूचे भारत में इसकी 18 छात्र शाखाएं हैं। इसकी कुल सदस्य संख्या लगभग 3000 पहुंच गई है जिसमें आजीवन, वार्षिक तथा छात्र सदस्यता शामिल है। एसपीजी-इंडिया ने 11 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किए हैं और एक छमाही तकनीकी जर्नल "जियोहोराइजन्स" प्रकाशित करता है।

एसपीजी वर्तमान में "सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिस्टस (एसईजी)" अमेरिका, यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ जियोसाइंटिस्ट एण्ड इंजीनियर्स (ईएजीई) - नीदरलैंड और आस्ट्रेलियन सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिस्टस (एएसईजी), आस्ट्रेलिया जैसी अंतर्राष्ट्रीय सोसाइटियों से संबद्ध है। एसपीजी-इंडिया छमाही तकनीकी जर्नल "जियोहोराइजन्स" प्रकाशित करता है जिसमें तकनीकी पेपर, मामला अध्ययन और विभिन्न क्षेत्रीय तथा छात्र शाखाओं के क्रियाकलापों को नियमित रूप से प्रकाशित किया जाता है।

एसपीजी वर्तमान में "सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिस्टस (एसईजी)" अमेरिका, यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ जियोसाइंटिस्ट एण्ड इंजीनियर्स (ईएजीई) - नीदरलैंड और आस्ट्रेलियन सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिस्टस (एएसईजी), आस्ट्रेलिया जैसी अंतर्राष्ट्रीय सोसाइटियों से संबद्ध है। एसपीजी-इंडिया छमाही तकनीकी जर्नल "जियोहोराइजन्स" प्रकाशित करता है जिसमें तकनीकी पेपर, मामला अध्ययन और विभिन्न क्षेत्रीय तथा छात्र शाखाओं के क्रियाकलापों को नियमित रूप से प्रकाशित किया जाता है।

एसपीजी ने द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा प्रदर्शनी का आयोजन 1996 में दिल्ली में प्रारंभ किया था और यह जयपुर में 17 से 19 नवम्बर के दौरान इसके 12वें संस्करण का आयोजन करने जा रहा है। इस द्विवार्षिक कार्यक्रम का विषय सदैव तेल उद्योग में विद्यमान स्थिति तथा इसके द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों के अनुरूप रहा है। इसका विषय 21वीं सदी में अन्वेषण से अन्वेषण जोखिमों को कम करने के लिए ई एण्ड पी व्यापार हेतु प्रौद्योगिकियों के उपयोग द्वारा प्रौद्योगिकियों के माध्यम से समाधान, संभाव्यता की अनिश्चितता तक परिवर्तित होता रहा है और वर्तमान सम्मेलन हेतु विषय "सहक्रिया के माध्यम से ऊर्जा" है। पिछले कई वर्षों में सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों की संख्या कई गुणा बढ़ गई है तथा इस द्विवार्षिक कार्यक्रम के दौरान मौखिक एवं पोस्टर सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले तकनीकी पेपरों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है। इन वर्षों में सम्मेलन पूर्व तथा सम्मेलन पश्च सतत शिक्षा (सीई) पाठयक्रमों में वृद्धि होकर ये 2 से 24 तक पहुंच गए हैं। अनुभवों तथा ज्ञान साझा करने हेतु ई एण्ड पी उद्योग के प्रमुख व्यक्तियों को एक समान मंच मुहैया करवाने के उद्देश्य से थीम सत्र, पूर्ण सत्र, उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्तियों द्वारा की-नोट उदबोधन, उद्योग तथा शिक्षा जगत के मध्य परस्पर संपर्क, वैश्विक मामले समिति बैठक, सीईओ बैठक, व्यापार मंच आदि जैसे कई कार्यक्रम सम्मेलन के कार्यक्रम के भाग बन गए हैं।

एसपीजी के इस द्विवार्षिक कार्यक्रम ने अपना नाम तकनीकी सम्मेलनों के अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर में दर्ज करवा लिया है। यह पिछले कुछ वर्षों में एसपीजी सम्मेलनों में एसईजी, ईएजीई, एएसईजी तथा एसपीई के अध्यक्षों और उद्योग के अन्य अग्रणियों की उपस्थिति द्वक्षरा पर्याप्त रूप से प्रदर्शित होता है। एसपीजी के सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिस्टस (एसईजी), अमेरिका, यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ जियोसाइंटिस्ट एण्ड इंजीनियर्स (ईएजीई), नीदरलैंड और आस्ट्रेलियन सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिस्टस (एएसईजी), आस्ट्रेलिया के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबद्धता है।

प्रमुख विश्वविद्यालयों तथा संस्थानों ने छात्र शाखाएं खोली गई हैं। प्रश्नोत्तरी, उद्योग अग्रणियों के साथ परस्पर संपर्क और रोजगार मेले जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भू-विज्ञान के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों हेतु किया गया था। क्षेत्र विशेषज्ञों ने व्याख्यान देने के लिए विभिन्न छात्र शाखाओं का दौरा किया। विद्यार्थियों में भू-विज्ञान के प्रति कम होती हुई रूचि की समस्या पर ध्यान देने के लिए स्कूली के छात्रों को प्रश्नोत्तरी तथा निबंध प्रतियोगिताओं के माध्यम से शामिल किया गया था और उन्हें सोसाइटी ऑफ एक्सप्लोरेशन जियोफिजिस्टस (एसईजी), अमेरिका के सम्मेलनों में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया गया था। मुख्य कार्यक्रम में 4 विषय, पूर्ण सत्र, मौखिक तथा पोस्टर तकनीकी सत्र और छात्र कार्यक्रम शामिल हैं।

सीई पाठय़क्रम :

सतत शिक्षा (सीई) कार्यक्रम के भाग के रूप में एसपीजी इंडिया की जयपुर, 2017 में 12वीं द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन तथा प्रदर्शनियों के दौरान 22 सीई पाठय़क्रमों का आयोजन 15.11.2017 को जयपुर में सम्मेलन पूर्व पाठयक्रमों के रूप में किया गया था और 2 और का आयोजन 20.11.2017 को मुम्बई तथा नई दिल्ली में सम्मेलन पश्च पाठयक्रम के रूप में किए जाने की योजना है।

अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, नार्वे, मेक्सिको तथा भारतीय आईआईटी, विश्वविद्यालयों और सीएसआईआर संस्थानों से शिक्षण संकाय सदस्यों ने कार्यक्रम में प्रतिभागिता की थी।

कवर किए गए विषयों में अन्वेषण से संबंधित एक व्यापक क्षितिज शामिल था जिसमें भू-कंपीय चटटान भौतिकी, पूर्ण वेवफार्म इनवर्जन, एवीओ मॉडलिंग, एचपीएचटी पोर प्रेशर पूर्वानुमान, मात्रात्मक तथा भण्डार अनुमानन, संसाधन मूल्यांकन, जियोमैकेनिक्स, टोमोग्राफी, ग्रेविटी-मैगनेटिक्स तथा इलेक्ट्रोमेगनेटिक पद्धतियां, क्रम स्ट्रेटीग्राफी, प्लेट टेकटोनिक्स आदि शामिल हैं। इन पाठयक्रकमों ने न केवल ज्ञान में वृद्धि करने में सहायता की है बल्कि भविष्य मे विचारों के आदान-प्रदान हेतु नए अवसर भी उत्पन्न किए हैं।

सीई 01 प्रगति पर - विषय -

सीई 01 प्रगति पर - विषय - "भूकंपीय चट्टान भौतिकी - उदाहरण तथा अनुप्रयोग" एन.सी. नन्दा द्वारा

सीई 13 प्रगति पर - विषय -

सीई 13 प्रगति पर - विषय - "मात्रात्मक भण्डार विशेषता पूर्वानुमानन " धनंजय कुमार, बीपी, हाउसटन, डा. पुरकायस्थ, अध्यक्ष, एसपीजी, भारत के साथ।

सीई 14 प्रगति पर - विषय -

सीई 14 प्रगति पर - विषय - "अन्वेषण संभाव्यता आकलन - संभाव्यता मात्रा तथा जोखिम मूल्यांकन " डैरियल नोरमन द्वारा।

कुल 441 समग्र भारतीय लाभकारी प्रतिभागियों में ओएनजीसी, ओआईएल, केर्न इंडिया लिमिटेड, टाटा पेट्रोडाइन, वेदांता, सी-डेक तथा आईआईएसईआर, पुणे से व्यक्ति शामिल थे।