वेतन संशोधन 2007 नीति के भाग के रूप में सरकारी उद्यम विभाग ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को प्राधिकृत किया था कि वे ऐसे सेवानिवृत्त कार्मिकों की चिकित्सा और अन्य आपातकालिक आवश्यकताओं का ध्यान रखने की दृष्टि से एक कार्पस सृजित करें, जो 01.01.2007 से पहले सेवानिवृत्त हो गए थे और जो किसी पेंशन योजना द्वारा पर्याप्त रूप से कवर नहीं किए गए हैं। ओएनजीसी उपर्युक्त उपबंध को मूर्त रूप देने के लिए एक योजना का प्रस्ताव देने वाला पहला संगठन था । ओएनजीसी के निदेशक मंडल ने मार्च, 2011 में आरंभत: अग्रणी आपदा सेवा योजना नामक एक योजना का अनुमोदन किया था, जिसे यथा अपेक्षित अनुमोदन हेतु प्रशासनिक मंत्रालय को अग्रेषित किया गया था । चर्चाओं और संशोधनों के अनेक चक्रों के पश्चात और मंत्रालय में उच्च स्तर पर किए गए हस्तक्षेप से यह महसूस किया गया था कि सरकारी उद्यम विभाग की प्रतिबंध शर्तों का सही भावना से अनुपालन करने के लिए इस योजना में ढांचागत परिवर्तन आवश्यक होंगे ।
इसके परिणामस्वरूप यह योजना दोबारा तैयार की गई थी और इसका नाम आशा किरण रखा गया था तथा बोर्ड का अनुमोदन, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को अग्रेषित किया गया था, जिसने आगे विचार-विमर्श और स्पष्टीकरणों के पश्चात जुलाई 2013 में औपचारिक अनुमोदन प्रदान कर दिया था।
कार्यान्वयन और रोलआउट के लिए सही-सही रूपात्मकताओं पर बाद में ओएनजीसी के बोर्ड तथा मानव संसाधन प्रबंधन की उप समिति में चर्चा की गई और मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि योजना और कार्यान्वयन की रूपात्मकताओं के अंतिम अनुमोदन अब हाथ में हैं ।
कर्मचारी संबंध प्रमुख, बोर्ड में यथाअनुमोदित विस्तृत दिशानिर्देश जारी करेंगे। जैसाकि यह देखा जाएगा, इस योजना के रोलिंग आउट और कायम रखने के लिए, केवल कॉरपोरेट स्तर पर ही नहीं बल्कि कार्य केंद्र स्तर पर भी सहभागिता की आवश्यकता है, जहाँ प्रमुख कार्यकारियों तथा संबंधित प्रभारी या मानव संसाधन प्रमुखों को महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभानी हैं ।
मैं, इस मंच से, ओएनजीसी के बोर्ड, माननयी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री महोदय तथा राज्य मंत्री महोदय, सचिव (पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस), अपर सचिव (वित्त एवं लेखा), संयुक्त सचिव (ई), सलाहकार (आईएफडी), जिन्होंने पूरे मन से हमारा समर्थन किया, को और उनके दल के साथ कर्मचारी संबंध प्रमुख, जिन्होंने इस योजना को इस रूप में लाने में बड़ा योगदान किया, को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ । मैं विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहूंगा सभी सेवानिवृत्त कार्मिक संघों, विशेष रूप से श्री जी.डी.धींगड़ा और डॉ. जौहरी लाल के नेतृत्व वाले दिल्ली चार्टर, जिन्होंने यह 'आशा किरण' योजना बनाने के प्रति इस लंबी यात्रा के दौरान समानुभूति और समझबूझ के साथ हमारा सहयोग और समर्थन किया ।
मैं सभी संबंधितों का आह्वान करता हूँ कि वे तात्कालिकता की भावना से इस प्रकार कार्य करें ताकि वास्तविक लाभ शीघ्र ही उन अनुभवी व्यक्तियों को पहुँचाना आरंभ हो जाए, जो इस पूरे समय में धैर्य तथा समझबूझ के साथ हमारे साथ अड़िग खड़े रहे।
कार्मिकों की सेवा करना, उन सेवानिवृत्त कार्मिकों को, इस संदेश की विषय-वस्तु संसूचित कर सकता है, जिससे वे संभवत: परिचित हों । यह संदेश ongcindia.com पोर्टल पर भी प्रकाशित किया जा रहा है ।
शुभकामनाओं सहित,