यह लोक उद्यम, अपने अग्रगामी प्रयासों के जरिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा को प्रदर्शित करता है।
महारत्न ओएनजीसी, भारतीय घरेलू उत्पादन के प्रति लगभग 71% का योगदान करने वाली भारत में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की सबसे बड़ी कंपनी है। कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल, नेप्था और खाना पकाने की गैस एलपीजी जैसे पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन करने के लिए आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी डाउनस्ट्रीम कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल है।
ओएनजीसी के पास, तेल और गैस के अन्वेषण एवं उत्पादन तथा संबंधित तेल फील्ड सेवाओं के सभी क्षेत्रों में आंतरिक सेवा सक्षमताओं वाली एक कंपनी होने की एक अनूठी विशिष्टता है। सर्वोत्तम नियोक्ता पुरस्कार का विजेता इस सार्वजनिक सेक्टर उद्यम के पास 26,000 से अधिक ऐसे व्यवसायविदों का एक समर्पित दल है, जो चुनौतीपूर्ण स्थानों पर दिन-रात कठिन परिश्रम करते हैं।
ओएनजीसी विदेश, भारत की राष्ट्रीय तेल कंपनी ओएनजीसी की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और भारत की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय तेल और गैस कंपनी है। ओएनजीसी विदेश की 20 देशों, नामत: अजरबेजान, बंग्लादेश, ब्राजील, कोलंबिया, इराक, इज़रायल, ईरान, कज़ाकिस्तान, लीबिया, मोजाम्बिक, म्यांमार, नामीबिया, रूस, दक्षिणी सूडान, सूडान, सीरिया, यूनाइटेड अरब अमीरात, वेनेजुएला, वियतनाम और न्यूजीलैंड में 41 परियोजनाओं में सहभागिता है। ओएनजीसी विदेश 15 उत्पादनशील, 4 खोजी गई/ विकासाधीन, 18 अन्वेषणात्मक और 4 पाइपलाइन परियोजनाओं का एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखता है। वर्तमान में यह कंपनी 21 परियोजनाएँ प्रचालित/ संयुक्त रूप से प्रचालित करती है। ओएनजीसी विदेश के पास, 01 अप्रैल, 2018 को यथास्थिति लगभग 711 एमएमओटीई के कुल तेल और गैस आरक्षित भंडार (2पी)थे। अधिक जानकारी के लिए www.ongcvidesh.com देखें।
वैश्विक रैंकिंग
- ओएनजीसी ने, 'तेल और गैस अन्वेषण' श्रेणी में इन एण्ड ब्राडस्ट्रीट पुरस्कार 2018 प्राप्त किया।
- ओएनजीसी ने, 2016 में भारतीय वाणिज्य परिसंघ से 4पीएसई उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त किए।
- भारत में शीर्षस्थ ऊर्जा को प्लैट्स की शीर्षस्थ 250 वैश्विक ऊर्जा रैंकिंग 2017 के अनुसार वैश्विक रूप से 11वां स्थान दिया गया।
- न्यूजवीक हरित रैंकिंग विश्व की हरिततम कंपनियां 2016 में 464वां स्थान दिया गया।
- 2017 के लिए विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों की फोर्ब्स वैश्विक 2000 सूची में वैश्विक तेल और गैस प्रचालन उद्योग के बीच 14वां स्थान दिया गया, बिक्रियों (19.89 अमरीकी डालर) के आधार पर समग्र सूची, 2017 में 443वाँ स्थान, लाभों के आधार पर 288वाँ, परिसंपत्तियों में 470वाँ स्थान और बाज़ार मूल्य के हिसाब से 300वाँ स्थान दिया गया।
- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल, 2014 द्वारा प्रकाशित विश्व की 124 सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों के बीच कॉरपोरेट रिपोर्टिंग में पारदर्शिता में 26वाँ स्थान दिया गया (जो 2012 में 39 स्थान ऊपर है)।
ओएनजीसी, भारत के सर्वाधिक मूल्यवान निगमों में से एक है
ओएनजीसी, भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर कार्यरत सर्वाधिक मूल्यवान सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में से एक है।
ओएनजीसी अपने अग्रगामी प्रयासों के जरिए भारत की ऊर्जा सुरक्षा प्रदर्शित करता है
ओएनजीसी, पूरी हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला के साथ-साथ प्रचालनरत, भारत में एकमात्र पूर्णत: एकीकृत तेल और गैस कंपनी है। इसने भारत के हाइड्रोकार्बन क्षेत्र की अकेले रचना की है। कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- ओएनजीसी ने, भारत में 7 तेल और गैस उत्पादनशील बेसिनों में से 6 की खोज की है।
- भारत में सबसे बड़ी कंपनी ने 8.70 बिलियन टन स्व-स्थाने हाइड्रोकार्बन आरक्षित भंडार स्थापित किए हैं। इसे, घरेलू रकबों से, तेल जमा तेल समतुल्य गैस (ओ+ओईजी) के 3.2 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कच्चे तेल और 645 बिलियन घन मीटर (सीबीएम) प्राकृतिक गैस गैस का उत्पादन किया है।
- ओएनजीसी ने, भारत सरकार की नई अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति (एनईएलपी) के अंतर्गत बोली के 8 चक्रों में कुल 254 ब्लॉकों में से 115 ब्लॉक (50 प्रतिशत से अधिक) जीते हैं।
- ओएनजीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल), 20 देशों में 41 तेल एवं गैस परियोजनाओं वाली सबसे बड़ी भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी है।
- ओएनजीसी, प्रतिदिन 1.26 मिलियन बैरल से अधिक तेल समतुल्य गैस का उत्पादन करता है, जो भारत के घरेलू उत्पादन के लगभग 70 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। इसमें से 75 प्रतिशत से अधिक उत्पादित कच्चा तेल, हलका और स्वीट है।
- इस कंपनी के पास भारत में हाइड्रोकार्बन रकबों का सबसे बड़ा हिस्सा है (पीईएल क्षेत्रों में 61 प्रतिशत और एमएल क्षेत्रों में 81 प्रतिशत)।
- ओएनजीसी के पास कुल भारतीय परिष्करण क्षमता का लगभग 1/10 भाग है।
- इस अन्वेषण एवं उत्पादन कंपनी के पास, एलएनजी में हितों और उत्पाद परिवहन व्यवसाय के साथ एक सुएकीकृत हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला संरचना है।
- सभी प्रचालनरत अपतट और अभितट संस्थापनाएं (403) रखने वाली विश्व में एक अनूठे संगठन को वैश्विक रूप से मान्यताप्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान किए गए हैं।
प्रतियोगितात्मक शक्ति :
- सभी कच्चे तेल स्वीट हैं और अधिकांश (76 प्रतिशत) हलके हैं, जिनमें गंधक का प्रतिशत 0.02 से 0.10 की रेंज में है। एपीआई सघनता की रेंज 260 से 460 तक है और इसलिए बाजार में प्रीमियम आकर्षित करती है।
- सुदृढ़ बौद्धिक संपत्ति अधिकार, सूचना, जानकारी, कौशल और अनुभव है।
- प्रतियोगितात्मक एनईएलपी चक्रों सहित अन्वेषण लाइसेंसों की अधिकतम संख्या है। ओएनजीसी ने 9 एनईएलपी चक्रों में अवार्ड किए गए 254 ब्लॉकों में से 121 ब्लॉक प्राप्त किए हैं।
- ओएनजीसी के स्वामित्व में, उप-समुद्रीय पाइपलाइनों सहित भारत में 25,500 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइनें हैं और वह उनका प्रचालन करता है। भारत में कोई भी अन्य कंपनी, इस मार्ग लंबाई के 50 प्रतिशत का भी प्रचालन नहीं करती।
भावी योजना 2030 (पीपी 2030)
पीपी 2030, अगले दो दशकों में ओएनजीसी की प्रगति की रूपरेखा दर्शाती है। इसका उद्देश्य, 2 प्रतिशत की वर्तमान वृद्धि दर की तुलना में 4-5 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ योजना अवधि में ओएनजीसी का उत्पादन दुगुना करना है। भौतिक दृष्टि से, भावी योजना 2030 के अंतर्गत अकांक्षाओं का उद्देश्य निम्नलिखित है:
- प्रति वर्ष 130 एमएमटीओई तेल और तेल समतुल्य गैस (ओ+ओईजी) का उत्पादन और प्रमाणित आरक्षित भंडारों की 1,300 एमएमटीओई से अधिक की वृद्धि।
- ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) में 6 गुना वृद्धि करना, जिसमें 2030 तक प्रति वर्ष अंतर्राष्ट्रीय ओ+ओईजी उत्पादन बढ़ाकर 60 एमएमटीओई करना।
- शाले गैस, सीबीएम, गहन जल और एचपीएचटी (उच्च दबाव एवं उच्च तापमान) आरक्षित भंडारों जैसे नए अपरंपरागत स्रोतों से होने वाले, भारत में प्रति वर्ष ओ + ओईजी का 20 एमएमटीओई से अधिक उत्पादन करना।
- न्यूक्लियर, सौर और पवन से 6.5 जीडब्ल्यू से अधिक उत्पादन और एलएनजी का 9 एमटीपीए उत्पादन करना।
- पेट्रो रसायनों में डाउनस्ट्रीम एकीकरण प्राप्त करने के लिए लक्षित निवेशों और 20 एमएमटीपीए से अधिक की परिष्करण क्षमता करना।
विदेश में इक्विटी तेल का स्रोतीकरण:
ओएनजीसी विदेश, भारत की राष्ट्रीय तेल कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और भारत की सबसे बड़ी अंतर्राष्ट्रीय तेल और गैस कंपनी है। ओएनजीसी विदेश की 20 देशों, नामत: अजरबेजान, बंगलादेश, ब्राज़ील, कोलंबिया, इराक, इज़रायल, ईरान, कज़ाकिस्तान, लीबिया, मोजांबिक, म्यांमार, नामीबिया, रूस, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया, यूनाइटेड अरब अमीरात, वेनेजुला, वियतनाम और न्यूजीलैंड में 14 परियोजनाओं में सहभागिता है। ओएनजीसी विदेश 15 उत्पादनशील, 4 खोजी गई/ विकासाधीन, 18 अन्वेषणात्मक और 4 पाइपलाइन परियोजनाओं का एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाए रखती है। यह कंपनी, वर्तमान में 21 परियोजनाओं में प्रचालन/ संयुक्त प्रचालन करती है। ओएनजीसी विदेश के पास 01 अप्रैल, 2018 को यथास्थिति लगभग 711 एमएमटीओई के कुल तेल और गैस आरक्षित भंडार (2पी) थे।
ओएनजीसी विदेश, इरान में रुस्तम और रक्ष तेल फील्डों का अन्वेषण और विकास करने तथा इराक में सेवा संविदा करने के लिए 05 अप्रैल, 1965 को हाइड्रोकार्बन्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के रूप में अधिनिगमित की गई थी। इस कंपनी को विदेशों में ओएनजीसी की विशेषज्ञता का विपणन करने के मुख्य उद्देश्य के साथ 15 जून, 1989 को ओएनजीसी विदेश लिमिटेड के रूप में पुन: नामित किया गया था। 90 के दशक में इस कंपनी को मिस्र, यमन, ट्यूनिशया और वियतनाम में सीमित अन्वेषण क्रियाकलापों में लगा हुआ देखा गया था।
अपने नए अवतार में ओएनजीसी विदेश के रूप में इस कंपनी ने नब्बे के दशक के मध्यम से अपना ध्यान केंद्रण विदेशों में तेल और गैस परिसंपत्तियों की गुणवत्ता प्राप्त करने पर पुन: आकर्षित किया। ओएनजीसी विदेश, जिसके पास वर्ष 2000 में एक परिसंपत्ति थी, धीरे-धीरे क्रमश: अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में सर्वोत्तम कंपनियों के साथ प्रतियोगिता करने में सफल रही और उत्तरवर्ती वर्षों में पूरे विश्व में अनेक बड़े लेन-देन कर सकी।
31 मार्च, 2018 को समाप्त वर्ष के दौरान ओएनजीसी विदेश को निम्नलिखित पुरस्कार और मान्यताएं प्रदान की गई थीं:
- भारत के राष्ट्रपति ने 11 अप्रैल, 2017 को वर्ष 2014-15 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र प्रबंधन – संस्थागत श्रेणी ।। (मिनि रत्न - । और ।। पीएसईज) के प्रति उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित स्कोप पुरस्कार प्रदान किया।
- कॉरपोरेट नैतिकता एवं जोखिम प्रबंधन पर वैश्विक कन्वेंशन के दौरान निदेशकों के संस्थान (आईओडी) द्वारा संस्थापित जोखिम प्रबंधन 2017 के लिए स्वर्ण मयूर पुरस्कार।
- ''सर्वोत्तम जोखिम प्रबंधन ढांचा एवं प्रणालियां – जोखिम प्रौद्योगिकी'' की श्रेणी में आईसीआईसीआई लोंबार्ड एंड सीएनबीसी – टीवी 18 भारतीय जोखिम प्रबंधन पुरस्कार।
- गवर्नेंस नाउ पीएसयू अवार्ड – 2017 के पांचवें संस्करण में मिनि रत्न-। श्रेणी में कार्यनीतिक कार्य-निष्पादन पुरस्कार।
प्रौद्योगिकी की सीमाएं:
- अति आधुनिक भूकंपीय आंकड़ा अधिग्रहण, प्रोसेसिंग और व्याख्या सुविधाएं।
- यह विश्व में शीर्षस्थ 10 वास्तविक व्याख्या सुविधाओं में से एक का इस्तेमाल करती है।
- ट्रांस ओसियन, शलंबर्गर, हालिबर्टन, बेकर ह्गस, आईपीआर, पेट्रोब्रास, नोर्क्स, ईएनआई और शैल के साथ गठबंधन।
- एशिया में सबसे बड़े ईआरपी कार्यान्वयनों में से एक।
सर्वोत्तम अवसंरचना और सुविधाएं :
- सार्वजनिक क्षेत्र का यह उद्यम 14 भूकंपीय कर्मी दलों का प्रचालन करती है, 262 अभितट उत्पादन संस्थापनाओं, 268 अभितट संस्थापनाओं, 69 वेधन (जमा 37 किराये पर लिए गए वेधन रिगों) और 54 वर्कओवर रिगों (जमा 25 किराये पर लिए गए रिगों) का प्रबंधन करती है, इसके स्वामित्व में, 4500 किलोमीटर उप-समुद्रीय पाइपलाइनों सहित भारत में 25,500 किलोमीटर से अधिक पाइपलाइनें हैं और यह उनका प्रचालन करती है।
- ओएनजीसी ने सभी इन्फोकॉम प्रणालियों के आधुनिकीकरण, विस्तारण और एकीकरण के लिए सर्वोत्तम व्यवसाय पद्धतियां अपनाई हैं।
भावी मार्ग :
ओएनजीसी निम्नलिखित के साथ एक एकीकृत ऊर्जा प्रदाता बनने की आशा करती है:
- नई खोजें और तीव्र मार्ग विकास ।
- विदेशों से इक्विटी तेल ।
- डाउनस्ट्रीम मूल्यवर्धन एवं अग्रगामी एकीकरण ।
- अति आधुनिक प्रौद्योगिकी और वैश्विक सर्वोत्तम पद्धतियों का समर्थन करना।
- ऊर्जा के नए स्रोत।
- लघु एवं सीमांतक फील्डों से उत्पादन।
- इस अन्वेषण एवं उत्पादन कंपनी ने कोल बेड मीथेन (सीबीएम), भूमिगत कोयला गैसीकरण (यूसीजी), शाले गैस और गैस हाइड्रेट जैसी अपरंपरागत गैसों या पवन, सौर आदि जैसे अपरंपरागत ऊर्जा स्रोतों के जरिए अपरंपरागत ऊर्जा स्रोतों का पता लगाने के लिए संरचित पहलें की हैं।
- ''ओएनजीसी ऊजा केंद्र न्यास'', जो गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों में हॉलिस्टिक अनुसंधान के लिए ओएनजीसी द्वारा सृजित एक समर्पित केंद्र है, ने तीन परियोजनाएं अर्थात् हाइड्रोजन, जियोबायोरिएक्टर्स और फ्यूल सेल्स के लिए थर्मोकेमिकल रिएक्टर आरंभ की हैं।
- ओएनजीसी ने पहले ही गुजरात में एक 50 मेगा वाट का पवन फार्म संस्थापित कर दिया है और राजस्थान में एक अन्य 100 मेगा वाट का पवन फार्म संस्थापित करने की योजना है।
- ओएनजीसी ने गुड़गांव में सौर ऊर्जा केंद्र, नया एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) में तीन सौर थर्मल इंजन भी स्थापित किए हैं।
मूल्य श्रृंखला एकीकरण :
मूल्य श्रृंखला एकीकरण ओएनजीसी की रुग्ण मंगलौर रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल), जो मार्च 2003 में 9.69 एमएमटी क्षमता की एक अकेली रिफाइनरी है, में इक्विटी में अधिकांश स्टेक की मूल्य श्रृंखला एकीकरण ओएनजीसी की खरीद ओएनजीसी के एकीकृत व्यवसाय मॉडल का एक अनन्य साक्ष्य है। यह रिफाइनरी क्षमता उत्तरोत्तर 15 एमएमटी तक उन्नत हो गई है। यह उल्लेख करने के अलावा कि अन्वेषण एवं उत्पादन प्रचालन के उच्चतर जोखिम के अल्पीकरण में इस तेल एवं गैस कंपनी के प्रति अपेक्षित सुविधा है, यह डील भी भारतीय व्यवसाय के इतिहास में एक उदाहरण प्रस्तुत करती है, जहां किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ने एक संयुक्त स्टॉक कंपनी अधिगृहीत की है और एक वर्ष के रिकार्ड समय में इसे बदल कर रख दिया है।
आगे बढ़ते हुए ओएनजीसी ने पूरी हाइड्रोकार्बन मूल्य श्रृंखला में अपनी मौजूदगी दर्ज करने के लिए रिफाइनरी, एलएनजी, पेट्रो और रसायन, विद्युत, विशेष आर्थिक क्षेत्र आदि जैसी मूल्य अभिवर्धक एकीकरण परियोजनाओं के प्रति संरचित पहलें की हैं।
ओएनजीसी, ओएनजीसी पेट्रो एडिशंस प्राइवेट लिमिटेड (ओपीएएल), जो दाहेज के पत्तन शहर गुजरात, भारत में पीसीपीआईआर/ विशेष आर्थिक क्षेत्र में एक ग्रासरूट मेगा पेट्रो रसायन परियोजना है, में प्रमुख प्रोत्साहक है।
निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व :
एक ''जिम्मेदार अग्रणी'' के रूप में अपनी भूमिका को स्वीकार करते हुए, ओएनजीसी की सीएसआर पहल ने असुरक्षित और सुविधावंचित व्यक्तियों, विशेष रूप से इसके प्रचालनात्मक क्षेत्रों में और के आसपास के असुरक्षित और सुविधावंचित व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक, दृश्य अंतर लाने की अपनी खोज जारी रखी है। वित्तीय वर्ष 2017 में इसने अपनी सीएसआर पहलों में ` 5,259 मिलियन खर्च किए हैं। एक व्यवसाय प्रतिमान के साथ, जो लोगों के कल्याण, सामाजिक प्रगति और पर्यावरणीय संरक्षण के अंतर-संबंधित विज़न पर आधारित है, ओएनजीसी अपने नैगम सामाजिक उत्तरदायित्व के क्रियाकलापों के साथ भारत में निम्नलिखित ध्यान केंद्रित क्षेत्रों में विकासात्मक आवश्यकताएं पूरी करने में लगी हुई है:
- व्यावसायिक पाठ्यक्रमों सहित शिक्षा
- स्वास्थ्य सुरक्षा
- उद्यमिता (स्वयं सहायता एवं आजीविका सृजन) योजनाएँ ;
- अवसंरचना सहायता : कंपनी के प्रचालनात्मक क्षेत्रों में और उसके आसपास सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल;
- पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिकीय संरक्षण, संवर्धन;
- धरोहर स्थलों, यूनेस्को धरोहर स्मारकों आदि का संरक्षण;
- धरोहर, कला और संस्कृति के परिरक्षण के लिए कारीगरों, शिल्पियों, संगीतकारों, कलाकारों आदि को बढ़ावा देना;
- महिला सशक्तीकरण, बालिका विकास, जेंडर संवेदीकरण परियोजनाएँ;
- भूमिगत जल पुनर्भरण सहित जल प्रबंधन;
- शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए पहलें;
- संगोष्ठियों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं आदि को प्रायोजित करना; और
- खेलों/ खिलाडि़यों को बढ़ावा देना, खेलों/ खिलाडि़यों को बढ़ावा देने वाली एजेंसियों की सहायता करना।
निगमित अभिशासन :
ओएनजीसी ने निगमित अभिशासन और अपनी पद्धतियों, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बहु-फलकीय रोकथामों के इर्द-गिर्द घूमती हैं, के प्रति संरचित पहलें की हैं। नैगम अभिशासन के एक भाग के रूप में कार्यान्वित किए जाने के लिए आवश्यक अनिवार्य उपायों के अलावा, ओएनजीसी ने इस संबंध में अतिरिक्त कदम उठाए हैं और व्हिसल ब्लोअर नीति, लेखापरीक्षा तथा नैतिकता समिति के कार्यचालन पर वार्षिक रिपोर्ट, नैगम अभिशासन पर एमसीए स्वैच्छिक दिशानिर्देश, उद्यमव्यापी जोखिम प्रबंधन (ईआरएम) ढांचा कार्यान्वित किया है।
स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण :
ओएनजीसी ने ओएनजीसी सुविधाओं में आईएसओ 9001, ओएचएसएएस 18001 और आईएसओ 14001 की अपेक्षाओं के अनुरूप और अपनी सभी प्रचालनात्मक इकाइयों में प्रतिष्ठित प्रमाणन एजेंसियों द्वारा प्रमाणित वैश्विक रूप से मान्यताप्राप्त क्यूएचएसई प्रबंधन प्रणालियां कार्यान्वित की हैं। घटना रिपोर्टिंग, जांच-पड़ताल और अनुशंसाओं की मॉनीटरिंग पर नैगम दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं और अंतर्राष्ट्रीय पद्धति के अनुसार पूरे संगठन में समान रूप से बनाए रखने के लिए इन्हें कार्यान्वित किया गया है।
पूरे ओएनजीसी में एकसमान आपदा प्रबंधन के लिए नैगम आपदा प्रबंधन योजना और दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं। ओएनजीसी ने अभितट प्रचालनों के लिए तैनात किए गए कर्मचारियों हेतु व्यावसायिक स्वास्थ्य शारीरिक फिटनेस के मापदंड भी तैयार किए हैं। व्यावसायिक स्वास्थ्य मॉड्यूल अब एसएपी प्रणाली पर डाल दिया गया है।
मानव संसाधन :
इस सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी के पास कुशल और प्रतिभावान व्यवसायविदों का एक बड़ा पूल है, जो कंपनी के लिए सबसे मूल्यवान परिसंपत्ति है। ओएनजीसी के कर्मचारी और अधिकारी कंपनी के उत्कृष्ट कार्य-निष्पादन के लिए स्वयं को समर्पित करते हैं। ओएनजीसी व्यापक स्वास्थ्य सुरक्षा, शिक्षा, आवास और सामाजिक सुरक्षा के रूप में कार्मिकों और उनके परिवारों को अनेक कल्याण लाभ प्रदान करती है।