Navigatiemenu

Latest Tweets

geopic

देहारादून ,ओएनजीसी में, जियोपिक की स्थापना एक बिशेष अधिकार पत्र के साथ  जटिल ई एंड पी  भूकंपीय और भू विज्ञान संबंधी समस्याओं के एकीकरण समाधान के लिए  सन 1987 में हुयी थी । केंद्र को आधारभूत संरचना में परिपूर्ण बनाने के पीछे भूकंपीय आंकणों को परिष्कृत करने वाले विशेषज्ञ ,भू विज्ञान संबंधी आंकणों को निर्वचन करने वाले भू वैज्ञानिक , साफ्टवेयर एवं हार्डवेयर के अनुभवी इंजीनियर्स हैं । केंद्र ओएनजीसी की सबसे बड़ी संगणन दक्षता के साथ-साथ विश्व के कुछ गिने हुये केन्द्रो में जिनके पास एक साथ  संपूर्ण प्रोसेसिंग , भू विज्ञान संबंधी आंकणों का निर्वचन ,शैलभौतिकी ,भूगर्भीय एवम आगार अभियांत्रिकी की सुविधा उपलब्द है। प्रोसेसिंग और निर्वचन केंद्र से लेकर भारत सरकार की डीयस आईआर यूनिट द्वारा आर एंड डी कार्य को विकसित करके, मान्यता प्राप्त की है । जियोपिक की क़्वीयमएस आईएसओ 9000:2015 एवं आईएसएमएस आईएसओ 27001 प्रमाणित है ।

भारतीय एवं विदेशी द्रोणियों के थल और समुद्र के भूकंपीय आंकणों की प्रोसेसिंग येवम निर्वचन इस केंद्र पर साथ साथ करते हैं । सालों से जियोपिक ने 13,00,000 एलकेएम से ज्यादा भूकंपीय आंकणों को परिष्कृत करने का काम किया है जिसमें 7,00,000 एलकेएम त्रिआयामी एवं 50,000 एलकेएम डेफ़्थ डोमेन में है । गहरे पानी को मिला कर जियोपिक ने 200 से ज्यादा 3डी प्रोस्पेक्ट का निर्वचन किया है ।

 भूमिका / उत्तरदायित्व

  • उपसतह के चित्र की गुणवत्ता में वृद्धि करके प्रोस्पेक्ट की उत्पति और जोखिम को कम करते हुये हाइड्रोकार्बन की खोज और दोहन , आगार चित्रण और आविष्कृत तेल और गैस क्षेत्र की जीसीएम में द्रोणी और असेट के कामकाज को सहायता प्रदान करना ।
  • ओनएनजीसी के संपूर्ण भूकंपीय आंकणों की आपदा बहाली उपाय के तौर पर प्रतिरूप तैयार करके रखना ।
  • जी एंड जी साफ्टवेयर लाइसेंस का प्रबंधन, साफ्टवेयर संसाधन का एकल स्तर पर प्रबंधन-सर्वोत्कृष्ट प्रयोग, प्रभावकारी नियंत्रण और अंकुश, नवीनतम सुधार /अपग्रेड्स /पईचेस का केंद्रीकृत वितिरण ।

आंकणों के निर्वचन में अगुवाई

  • उन्नति निर्वचन साफ्टवेयर और उपयुक्त हार्ड वेयर का समावेश ।
  • परीक्षण, विकाश और वर्कफ्लो का मानकीकरण ।
  • एवीवो और प्री -स्टैक इनवर्सन  तकनीक द्वारा आगर चित्रण करना ।
  • उन्नत लक्षण की संलक्षणी प्रतिरूपण द्वारा सूक्ष्म स्तरिक ट्रैप का निरूपण ।
  • कार्बोनेट रॉक की रॉक फिजिक्स प्रतिरूपण ।
  • बृहद और जटिल क्षेत्र की जीएसयम के लिये विशेषज्ञ तैयार करना ।
  • कार्बोनेट और क्लास्टिक व्यवस्था में क्रम स्तरिक का उच्च समाधान ।
  • लाग और भूकंपीय आंकणों  द्वारा बहु प्लेटफार्म साफ्टवेयर का उपयोग करके पोर दबाव की भविष्यबाणी ।
  • 3-डी और 4-डी जियो मेकैनिकल अध्ययन ।

डाटा प्रोसेसिंग में पहल 

जिओपिक ने सालों के सतत प्रयास से भूकंपीय आंकणों के प्रसंस्करण के लिए निम्नलिखित सामर्थ्य को विकसित किया है ।

  • सतत वेवफार्म ट्रांसफार्म (सीडब्लूटी) का प्रयोग लो-आवृति परावर्तन के विश्लेषण में ।
  • क्रैम (समान परावर्तन कोण माइग्रेसन) और ईस360 तकनीक का प्रयोग गहराई चित्रण को उत्तमतर बनाने में ।
  • उच्च समाधान प्रसंस्करण द्वारा शैलो हजार्ड का पता लगाना ।
  • संस्थानिक काबिलियत द्वारा परम्परागत और ब्राडबैंड भूकंपीय आंकणों का ब्राडबैंड अभिप्राय द्वारा गहरे स्तर और सीन -रिफ्ट तलछट के  चित्र  में अभूतपूर्व सुधार करना ।
  • पूर्ण वेवफार्म ध्वनि इनवर्सन ।
  • फुटहिल और थ्रस्ट -फ़ोल्ड का प्रतिचित्रण ।
  • फ्रैक्चर वर्णन के लिए एवीएजेड (दिगंश के साथ आयाम परिवर्तन ) और वीवीएजेड (दिगंश के साथ वेग परिवर्तन) द्वारा भूकंपीय गैदर का अध्ययन ।

आर एंड डी द्वारा ई एंड पी में लाभ उठाने के लिए प्रयास

हाइड्रोकार्बन की खोज और उत्पादन की संपूर्ण कीमती शृंखला में आर एंड डी एक अभिन्न हिस्सा है । जिओपिक भूकंपीय आंकणों के प्रसंस्करण और जी एंड जी के निर्वचन में आर एंड डी के माध्यम से तेल और गैस की पहचान , पूर्ण रूपेण चित्रण और खोज के क्षेत्र के  मूल्यांकन में सदैव संलग्न रहता है । कार्य क्षेत्र से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए जिओपिक हमेशा प्रायोगिक अनुसंधान के माध्यम से केंद्रित रहता है । इस तरह के अनुसंधान के माध्यम से बिभिन्न द्रोणियों और असेट्स के हाइड्रोकार्बन की खोज और विकाश के लिए प्रायोजित और आवश्यक आर एंड डी प्रोस्पेक्ट के आगार का वर्णन और आविष्कृत तेल और गैस क्षेत्र के जीएसएम माडलिंग के द्वारा , उपसतह चित्र में निखार और विकसित सैस्मिक अध्ययन द्वारा खुदाई के पहले छिद्र दबाव की भविष्यबाणी करना इत्यादि में सेवा प्रदान करता है । प्रायोगिक आर एंड डी उत्पाद का मूलभूत रूप से सूक्ष्म ट्रैप की पहचान , हाइड्रोकार्बन कुंड का निरूपण, प्रोस्पेक्ट की आशंका को कम करना और खुदाई कार्य का कुशल प्रबंधन में प्रभाव पड़ता है ।

आर एंड डी प्रयासों में बृद्धि की दिशा में ,जिओपिक ने 3-काँटेदार रणनीति अंगीकृत की है : (i)संस्थानिक, (ii) सहयोगपूर्ण और (iii)संकाय के साथ जुड़ाव । ओंएनजीसी-पैनआईआईटी का ज्ञापनपत्र नए क्षेत्र में सहकार्य अनुसंधान के लिए बचन बद्ध हुये हैं । इसके अलावा, ओंएनजीसी संस्थानिक आर एंड डी कार्य के साथ–साथ ख्याति प्राप्त एजेंसी के साथ भी कार्य कर रही है । अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्र हैं  :

  • लो आवर्ती परावर्तन विश्लेषण (पतली परत के लिए डीएचआई में नया तरीका )
  • आईआईटी कानपुर के सहयोग से मशीन अध्ययन तकनीक के माध्यम से आगार का वर्णन ।
  • प्राकृतिक सैस्मिकऔर व्यापक न्वयाज का अध्ययन  निष्क्रिय सैस्मिक तकनीक द्वारा । तकनीक यदि सफल होती है तो पर्वतीय भागों के क्षेत्रीय तस्वीर के बारे में पता लगाया जा सकता है ।
  • बीसीएस तारतम्य में भूकंपीय आंकणों से कोयला के प्रभाव को हटा कर आगार सैन्ड्स का बारीकी से चित्रण और निरूपण ।
  • कूडा आधारित अग्रिम पतिरूयण तरीका ।
  • संगठन की सीधी उपयोगिता जैसे स्पेक्ट्रल पृथक्करण और लैंडमार्क से डाटा का पेट्रल में स्थानांतरण से संस्थानिक प्लग-इन का विकाश ।
  • असमेकित सतही विन्यास में  राक फिजिक्स मॉडलिंग और प्री-स्टैक इनवर्सन ।
  • शेल गैस की खोज के लिए स्वीटस्पॉट की पहचान ।
  • भूसांखिकीय में प्री-स्टैक कोण निर्भरता ।
  • स्वचालित कूप से सैस्मिक कैलीब्रेशन वर्कफ़्लो-आंकणों के विश्लेषण पर आधारित आंकणा चालित दृष्टिकोण ।
  • बहुत बड़े आंकणों का विश्लेषण और मशीन अध्ययन तकनीक जी एंड जी निर्वचन के लिए ।

जिओपिक द्वारा प्रसंस्करण और निर्वचन क्षमता में बृद्धि और नई तकनीक को  नियमित रुप से नए साफ्टवेयर का समावेश और हार्डवेयर आधारभूत संरचना को अवशोषित करके की जाती है । क्षमता बृद्धि के अग्रभाग में ,जियोपिक ने आर्यभट-2 की मान्यता प्राप्त की है ,2016-17 में श्रेष्ठ कार्य संगणन क्लस्टर (एचपीसीसी ) के साथ  6240 कोर्स /520 सीपीयू फुजित्सु सर्वर को प्राप्त किया । 725 टीबी के इंटरप्राईस -क्लास सैन स्टोरेज 56 जीपीएस एफ़डीआर इंफीबैंड वांछित संसाधन को उपलब्ध कराता है जो बड़ी सी बड़ी संख्या वाले कार्य के लिए आवश्यक है । यह क्लस्टर सुपर क्लस्टर की श्रेणी में आता है और लिनपैक के मापदंड के अनुसार है (आरपीक 217.27 टेराफ्लॉप और आर मैक्स 182 टेराफ्लॉप)। संकलित क्षमता की आवश्यकता बड़े अंकणों वाले कार्य के लिए आवश्यक है जो सैस्मिक चित्र को निखारने में जरूरी है ।