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विशाल बॉम्बे (मुम्बई) हाई की खोज तथा अनेक अपतटीय फील्डों से पहले से ही  हो रहे उत्पादन प्रारम्भ होने के दौरान आगार प्रबंधन के मामलों के समाधान के लिए एक संस्थान की आवश्यकता महसूस होने लगी। परिणमस्वरूप 18 मई 1978 को तेल एवं गैस फील्डों  के समुचित आगार प्रबंधन के माध्यम से हाइड्रोकार्बन अधिप्राप्ति को अधिकतम करने के लिए आगार अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकियों का विकास एवं अनुप्रयोग के लक्ष्य के साथ अहमदाबाद में आगार अध्ययन संस्थान की स्थापना हुई।

ISO 9001:2015 एवं ISO 27001:2013 प्रमाणित शोध एवं अनुसंधान संस्थान आईआरएस भूकम्पीय से लेकर आगार अनुरूपन के लिए अत्याधुनिक डेटा सेंटर के साथ ओएनजीसी के तेल एवं गैस फील्डों के लिए की विकास योजनाओं के निर्माण हेतु मुख्य एजेंसी है। संस्थान भूकंपीय, भूगर्भशास्त्र, कूप संलेखन (लॉगिंग), आगार और उत्पादन का संयोजन को संयुक्त करके समेकित आगार प्रबंधन पर मुक्य रूप से कार्य करता है। यह आधुनिक प्रयोगशालाओं की सुविधाओं के साथ परिपक्व क्षेत्रों में द्वितीयक और तृतीयक अधिप्राप्ति बढ़ाने के लिए  (रासायनिक, थर्मल, CO2 और उच्च दबाव वायु इंजेक्शन)  EOR अनुप्रयोगों के डिजाइन, कमीशनिंग और निगरानी के लिए लंबी अवधि की रणनीति तैयार करने के लिए एक प्रीमियम एजेंसी के रूप में कार्यरत है।

हाइड्रोकार्बन दोहन के संबंध में ओएनजीसी के प्रमुख निर्णयों को आईआरएस की अनुशंसाओं पर लिया जाता है। आईआरएस ने लगभग सभी फील्डों के लिए विकास योजनाएं बनाईं हैं और उत्पादन कर रहे फील्डों की आवधिक समीक्षा करता रहा है। संस्थान ओएनजीसी विदेश और ओएन जीसी के संयुक्त उद्यम फील्डों को भी सेवा प्रदान करता है।

विगत वर्ष में संस्थान द्वारा किए गए अध्ययनों में ओएनजीसी के अपतटीय/ अभितटीय फील्डों के क्लस्टर 9 समेकित भूकोष्ठकीय मॉडलिंग (GCM) और अनुरूपण अध्ययन, R-10, R-9 और R-7 फील्डों के लिए नए GCM का निर्माण और अनुरूपण अध्ययन, मेवाड़ और दक्षिण मेवाड़ में अनुरूपण अध्ययन, नाग्यलंका के लिए  द्वितीय चरण की फील्ड विकास योजना, लकवा में अनुरूपण अध्ययन, गांधार में घुलनीय CO2 और लनवा में चक्रीय वाष्प उत्तेजन उल्लेखनीय हैं।

ER नीति के अनुरूप ओएनजीसी के 200 से अधिक फील्डों की ER स्क्रीनिंग पूरी की गई और उन्हें हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आईआरएस ने परिवर्धित तेल/गैस लाभ के लिए तेल/गैस कूपों में पानी को बंद करने के कार्य हेतु अनुकूलित पॉलीमर जेल प्रणालियों का डिजाइन और अनुप्रयोग जारी रखा।

पिछले वर्ष में सहयोगी श्रेणी के तहत की गई प्रमुख परियोजनाएं प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ 12 अभितटीय  आगारों  में CEOR पायलटों के तीव्र गति से कार्यान्वयन ,  कैलगरी विश्वविद्यालय के साथ निम्न लवणता जल आप्लावन (Low Salinity Water Flooding),  टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन के साथ CEOR के परिक्षेत्र में कार्य सहयोग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनि विद्यापीठ), धनबाद के साथ कठोर वातावरण में तेल/गैस कूपों में पानी के नियंत्रण के लिए नैनोकोम्पोसिट हाइड्रोजेल सिस्टम का विकास हैं।

आईआरएस ने EOR स्क्रीनिंग और ओएनजीसी के तेल/गैस क्षेत्रों और इसके संयुक्त उद्यम भागीदारों के लिए सबसे उपयुक्त EOR तरीकों की रैंकिंग के लिए " EOR Ranker"  जैसे इन-हाउस सॉफ्टवेयर्स भी विकसित किए और नई पहल के रूप में तेल और गैस आगारों के द्रव्य संतुलन(material balance) अध्ययन  के लिए "RESEMBLE" जैसे नई तकनीकों को शामिल किया।

संस्थान मेक इन इंडिया नीति के भाग के रूप में इन-हाउस आर एंड डी नवाचारों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से नवाचारों के साथ नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का संकल्प करता है।