ओएनजीसी ने ओएएलपी के बोली दौर IV में 7 ब्लॉक प्राप्त किए
ओएनजीसी ने वर्ष 2020 की शुरुआत पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) की मुक्त संचयन लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) की चौथी बोली में पेशकश किए गए सभी सात तेल और गैस ब्लॉकों को प्राप्त करके अच्छे ढंग से की।
2 जनवरी 2020 को अनुबंध हस्ताक्षर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। निदेशक (अन्वेषण) श्री आर.के. श्रीवास्तव और हाइड्रोकार्बन महानिदेशक (डीजीएच) श्री एस.सी.एल. दास ने पेट्रोलियम मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, ओएनजीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री शशि शंकर, निदेशक (वित्त) श्री सुभाष कुमार, निदेशक (अपतट) श्री राजेश कक्कड़, निदेशक (अभितट) श्री संजय कुमार मोइत्रा, निदेशक (मानव संसाधन) डॉ. अलका मित्तल और एक्सकॉम प्रमुख संजय चावला की उपस्थिति में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा समारोह में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सचिव डॉ एम.एम. कुट्टी, संयुक्त सचिव श्री अमर नाथ और अपर सचिव श्री राजीव बंसल मौजूद थे।
निदेशक (अन्वेषण) आरके श्रीवास्तव ओएएलपी अनुबंध पर हस्ताक्षर करते हुए
ओएएलपी बोली का चौथा दौर 27 अगस्त 2019 को खुला, और हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया संशोधित नीति ढांचे के साथ प्रक्रिया की परिणति थी। नवीनतम बोली में, ओएनजीसी को खोज और उत्पादन के लिए 18,510 वर्ग किलोमीटर की पेशकश की गई थी। सात ब्लॉकों में से पांच मध्य प्रदेश में और एक ब्लॉक राजस्थान और एक पश्चिम बंगाल में स्थित हैं। मध्य प्रदेश में ब्लॉक विंध्य बेसिन के अंतर्गत आते हैं - जो कि श्रेणी II बेसिन है और बंगाल पूर्णिया बेसिन में ब्लॉक श्रेणी III के अंतर्गत आता है - जिनका अभी तक अन्वेषण नहीं किया गया है।
ओएनजीसी के सीएमडी और निदेशकगण पेट्रोलियम मंत्री और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों से हस्ताक्षरित अनुबंध प्राप्त करते हुए
समारोह में उपस्थित जनों को संबोधित करते श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि ओएएलपी के माध्यम से अनुबंध पर हस्ताक्षर करने का उद्देश्य देश की ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने का है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि ओएनजीसी जैसी प्रमुख ऊर्जा कंपनी, अपनी आधुनिक तकनीकों और डिजिटलाइजेशन के साथ, पेशकश किए गए सभी सात ब्लॉकों में से सर्वश्रेष्ठ परिणाम देगी।
श्री प्रधान ने कहा कि पिछले दो वित्तीय वर्षों में, सरकार ने अन्वेषण और उत्पादन के लिए 140,000 वर्ग किलोमीटर की सफलतापूर्वक बोली लगाई है और कई नीतिगत सुधार किए हैं। उन्होंने कहा, "ओएलपी के पहले दौर में 55 ब्लॉक दिए गए और दूसरे और तीसरे दौर में प्रत्येक में 32 ब्लॉक दिए गए।"
हस्ताक्षर समारोह में सभा को संबोधित करते धर्मेंद्र प्रधान
उन्होंने आगे कहा कि सरकार राजस्व इष्टतम के बजाए उत्पादन अधिकतमकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में देश सभी के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक नई छलांग लगाएगा।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में, डीजीएच श्री एस.सी.एल. दास ने कहा कि ओएएलपी बोली का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के लिए ई एंड पी क्षेत्र को सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान समय में देश में ऊर्जा की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए हाइड्रोकार्बन की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि तेल और गैस उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि में प्रमुख कारक हैं और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस देश के सकल घरेल उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।