ओएनजीसी के कर्मचारियों ने स्वेच्छा से सरकार की कोविड-19 से लड़ने में सहायता के लिए दो दिन के वेतन का योगदान दिया
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) के 30,100 कर्मचारियों ने स्वेच्छा से सरकार की इस राष्ट्रीय संकट का मुकाबला करने में सहायता करने के लिए अपने दो दिनों के वेतन का योगदान - जो लगभग 16 करोड़ रुपये की राशि होती है - नव-गठित प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत (पीएम-केयर्सद्व फंड में देने का निर्णय लिया है।
ऊर्जा महारत्न के कर्मचारियों द्वारा यह पहल नॉवेल कोरोनोवायरस के बढ़ते भय के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान सामान्य परिस्थितियों में बड़े पैमाने पर व्यवधान के मद्देनजर सामने आई है।
महामारी के प्रसार को रोकने की अपनी लड़ाई में - जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित किया है - राष्ट्रीय तेल कंपनी ओएनजीसी, एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कारपोरेट के रूप में, न केवल अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बल्कि इसके परिचालन क्षेत्रों में और आसपास के अत्यधिक आवश्यकता वाले अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए कई पहले कर रहा है।
देश की पूरी 1.3 बिलियन आबादी की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए आवश्यक लॉकडाउन के कारण, सबसे ज्यादा प्रभावित दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूर, छोटे विक्रेता और गरीब थे। ओएनजीसी एनजीओ और प्राधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है ताकि वे इन पीड़ित लोगों तक पहुंच सकें और उनकी भोजन, कच्चे माल और अन्य दैनिक आवश्यकताओं के साथ मदद कर सकें।
ओएनजीसी देश भर में अपने विभिन्न परिचालन क्षेत्रों के पास गरीब लोगों को सैनिटाइज़र और फेस-मास्क वितरित कर रहा है। चूंकि कोरोनो वायरस सतह संदूषण के माध्यम से फैल रहा है, हाथ के डिस्इन्फैक्टेंट की आवश्यकता एक अनिवार्यता बन गई है। व्यापक उपयोग के कारण, चूंकि सैनिटाइज़र बाजार में दुर्लभ हो रहे हैं, ओएनजीसी अपने इन-हाउस संसाधनों से सैनिटाइज़र तैयार कर रहा है।
ओएनजीसी के इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड जियोटेक्टोनिक स्टडीज (आईएनबीआईजीएस) ने आइसोप्रोपिल अल्कोहल और एलो वेरा जेल का उपयोग करते हुए सैनिटाइज़र तैयार करने के लिए डब्ल्यूएचओ फार्मुलेशन को अपनाया - जो अच्छी गुणवत्ता के सैनिटाइज़र को तैयार करने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। आईएनबीआईजीएस द्वारा निर्मित सैनिटाइज़र ड्रिलिंग रिग, उत्पादन प्रतिष्ठानों, कार्यालय परिसरों, सुरक्षा द्वार, कॉलोनी किराना दुकानों, अग्निशमन सेवाओं, जल आपूर्ति, केंद्रीय स्टोर और अन्य सभी अनुभागों के कर्मचारियों तथा असम में ओएनजीसी कालोनियों को वितरित किए गए थे।
इसी तरह की पहल ओएनजीसी की कैम्बे परिसंपत्ति ने भी की है। कैम्बे परिसंपत्ति के रसायन विज्ञान खंड ने इन-हाउस और स्थानीय बाजार से सामग्री की खोज की और एकत्र किया तथा परिसंपत्ति की प्रयोगशाला में हाथ सेनिटाइज़र तैयार किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा संस्तुत संरचना को अपनाकर परिसंपत्ति के कर्मचारियों के आंतरिक उपयोग के लिए सैनिटाइज़र तैयार किए गए थे।
स्थिति की व्यापकता को देखते हुए, ओएनजीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री शशि शंकर ने सभी कर्मचारियों से प्राधिकारियों की मदद से व्यक्तिगत या सामुदायिक स्तर पर जरूरतमंदों को भोजन, कच्चा माल और अन्य आवश्यक चीजें प्रदान करके समर्थन देने का आग्रह किया है। नोएडा में ओएनजीसी कॉलोनी के निवासी क्षेत्र में प्रवासी श्रमिकों को वितरण के लिए पुलिस को भोजन के पैकेट सौंप रहे हैं।
ओएनजीसी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए, सीएमडी श्री शशि शंकर ने कहा, "मुझे विश्वास है कि हम, 30,100 लोगों का मजबूत ओएनजीसी समुदाय, इस कठिन समय में एक साथ रहेंगे और ओएनजीसी के झंडे को ऊंचा लहराते रखेंगे।"