Navigation Menu

Latest Tweets

Asset Publisher

ओएनजीसी द्वारा दिल्ली में चिल्का पर विचार गोष्ठी तथा चित्र प्रदर्शनी का आयोजन

ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) नई दिल्ली में 6 जनवरी, 2018 को द भुवनेश्वर बर्ड वाक्स (टीबीबीडब्ल्यू) के साथ मिलकर "मंगलाजोड़ी विरासत" शीर्षक वाली एक विचार गोष्ठी तथा चित्र प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। इस विचार गोष्ठी का उद्देश्य यूनेस्को से धरोहर दर्जा प्राप्त करने के लिए सबसे बड़ी खारे पानी की झील हेतु समर्थन जुटाना है।

भारत के माननीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान इस कार्यक्रम का उदघाटन करेंगे।

ओएनजीसी ने ओडीशा में चिल्का झील क्षेत्र के संरक्षण तथा समग्र विकास और चिल्का झील हेतु यूनेस्को द्वारा "विश्व धरोहर स्थल " का दर्जा प्रदान करने के लिए पर्यावरण संरक्षण तथा विरासत के बचाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप एक महत्वकांक्षी परियोजना को लिया है। श्री प्रधान ने ओएनजीसी, ओडीशा सरकार तथा यूनेस्को के मध्य एक त्रिपक्षीय समझौता करने की अनूठी पहल की है। यूनेस्को ने इस उद्देश्य हेतु सभी समर्थन का आश्वासन दिया है। ओएनजीसी ने अपने सीएसआर क्रियाकलापों के माध्यम से चिल्का में मंगल जोड़ी गांव के विकास की एक व्यवस्थित योजना भी बनाई है।

इस विचार गोष्ठी का उद्देश्य ओएनजीसी तथा टीबीबीडब्ल्यू द्वारा संरक्षण, ईको-पर्यटन, पक्षी विज्ञान, राजनायिक, मीडिया, एनजीओ, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से पदाधिकारियों तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों से विशेषज्ञों तथा उत्साही लोगों को एकत्र करना है ताकि ओडीशा की एक समृद्ध नमभूमि विरासत के संरक्षण एवं विकास हेतु भविष्य में की जान वाली कार्रवाई को निर्धारित किया जा सके।

भुवनेश्वर बर्ड वाक्स ओडीशा में उस क्षेत्र के पक्षियों के प्रलेखन तथा संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध एक एनजीओ है। टीबीबीडब्ल्यू के संस्थापक पंचामी मानू वकील मंगलाजोड़ी में ओएनजीसी के सीएसआर कार्य की सुग्राहीकरण प्रक्रिया का एक हिस्सा रहे हैं।

विख्यात पर्यावरण संरक्षणवादी, विभिन्न देशों से राजनयिक, संयुक्त राष्ट्र पदाधिकारी, मंत्रालय के पदाधिकारी, ओएनजीसी के सीएमडी तथा निदेशक (मानव संसाधन) सहित ओएनजीसी का शीर्ष प्रबंधन और साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न एनजीओ भी विचार गोष्ठी तथा चित्र प्रदर्शनी में उपस्थित रहेंगे।

संपादक हेतु नोट :

1. पृष्ठभूमि:

ओएनजीसी ने यूनेस्को के एक विश्व विरासत स्थल के रूप में ओडीशा की चिल्का झील के विकास हेतु एक महत्वकांक्षी परियोजना प्रारंभ की। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा यूनेस्को के पदाधिकारियों के मध्य विचार-विमर्श मई, 2017 में हुए और ओएनजीसी ने इस परियोजना का वित्त-पोषण अपनी सीएसआर पहल के अंतर्गत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके अतिरिक्त, ओएनजीसी आवश्यकता आकलन अध्ययन के पश्चात चिल्का झील के निकट मंगलाजोड़ी गांव में सीएसआर परियोजनाओं को भी लेगा। अध्ययन स्थानीय हितधारकों के साथ मिलकर किया गया जिसमें सीएसआर के अंतर्गत निम्नलिखित संभावित हस्तक्षेप सुझाए गए।

प्रकार क्रियाकलाप
अल्‍पावधि
  1. सौर स्ट्रीट लाइटों का स्थापन।
  2. आईईसी के साथ सभी घरों में आईएचएचएल (पृथक परिवार शौचालय) का निर्माण।
  3. गावों में विश्राम रेस्ट रूम का प्रावधान (महिलाओं के स्नान के प्रयोजन हेतु)।
  4. पर्यटकों हेतु सामुदायिक शौचालय।
  5. हैंडपंप लगाए जाना।
  6. विद्यमान तालाब की मरम्मत तथा सफाई।
मध्‍यमावधि
  1. गांव से प्रवासों तक सड़कों का निर्माण।
  2. भुवनेश्वर स्थित होटल प्रबंधन तथा खान-पान प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा दौरे एवं यात्रा प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्थानीय युवाओं की पहचान करके उन्हें आजीविका मुहैया करवाना।
  3. स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना अथवा विद्यमान स्वास्थ्य केन्द्र को सुदृढ़ करना।
दीर्घावधि
  1. सामुदायिक हॉल का निर्माण।
  2. विद्यालयों को स्मार्ट कक्षा ढांचे के साथ आधारभूत ढांचा सपोर्ट मुहैया करवाना।
  3. ग्रामवासियों को एलपीजी कनेक्शन हेतु प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के साथ जोड़ना।

2. मंगलाजोड़ी में सीएसआर पहलों की स्थिति :

  • सौर स्ट्रीट लाइटों का स्थापन : स्थल दौरा रिपोर्ट के निष्कर्षो के अनुसार यह विश्लेषण किया गया था कि सौर लाइटों की आवश्यकता ग्रामवासियों हेतु प्रमुख चिन्ताओं में से एक है। गांवों में स्ट्रीट लाइट का कोई प्रावधान नहीं है और रात में उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने मेमं वास्तविक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तदनुसार, मंगलाजोड़ी गांवों में मैसर्स सेवन ग्रीन्स सोलर सिस्टमस के माध्यम से 200 सौर स्ट्रीट लाइटें स्थापित की गई थी।
  • आईएचएचएल यूनिटों का निर्माण : सर्वेक्षण किए गए गावों में स्वच्छता सुविधाओं का अभाव पाया गया था। यह सूचित किया गया था कि एक भी परिवार के पास आईएचएचएल की सुविधा नहीं है जो गांवों में पूरी तरह से खुले में शौच किए जाने में परिणत होता है और परिणामस्वरूप ग्रामवासियों द्वारा शौचालयों की आवश्यकता व्यक्त की गई थी। अतः मैसर्स सुलभ इंटरनेशनल समाज सेवा संगठन के साथ मिलकर आईएचएचएल के निर्माण हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा परियोजना अनुमोदित की गई थी। गांवों में आईएचएचएल के लिए 1300 घरों की पहचान की गई थी। आईएचएचएल वर्तमान में निर्माणाधीन है।
  • मंगलाजोड़ी गांवों में स्कूल में शौचालयों का निर्माण: मैसर्स सुलभ इंटरनेशनल समाज सेवा संगठन के माध्यम से मंगलाजोड़ी, ओडीशा में स्थित 4 स्कूलों हेतु शौचालयों के निर्माण हेतु सहायता प्रदान की गई थी।
  • मंगलाजोड़ी में पेयजल सुविधा में वृद्धि करना : मंगलाजोड़ी में पेयजल सुविधा की वृद्धि करने हेतु सहायता प्रदान की गई थी जिसमें 4 नए बोरवेल का स्थापन और विद्यमान जल सुविधाओं का नवीकरण/मरम्मत शामिल है।
  • धारणीय आजीविका सृजन हेतु मंगलाजोड़ी के ग्रामवासियों को नौकाएं मुहैया करवाना: धारणीय आजीविका सृजन हेतु मंगलाजोड़ी के ग्रामवासियों को नौकाएं मुहैया करवाना के अंतर्गत 12 नौकाएं मुहैया करवाने हेतु परियोजना अनुमोदित की गई है। एमओए पर हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना विचाराधीन है।

प्रारंभ की जाने वाली परियोजनाएं :

क्रियाकलाप

  1. गावों में विश्राम रेस्ट रूम का प्रावधान (महिलाओं के स्नान के प्रयोजन हेतु)।
  2. पर्यटकों हेतु सामुदायिक शौचालय।
  3. गांव से प्रवासों तक सड़कों का निर्माण।
  4. भुवनेश्वर स्थित होटल प्रबंधन तथा खान-पान प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा दौरे एवं यात्रा प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्थानीय युवाओं की पहचान करके उन्हें आजीविका मुहैया करवाना।
  5. स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना अथवा विद्यमान स्वास्थ्य केन्द्र को सुदृढ़ करना/अथवा मोबाइल चिकित्सा देख-रेख यूनिट (एमएमयू) का प्रावधान करना।
  6. सामुदायिक हॉल का निर्माण।
  7. को स्मार्ट कक्षा ढांचे के साथ आधारभूत ढांचा सपोर्ट मुहैया करवाना।
  8. ग्रामवासियों को एलपीजी कनेक्शन हेतु प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के साथ जोड़ना।
  • यूनेस्को के साथ समझौता-ज्ञापन (एमओयू) :यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेषीकृत एजेंसी है जिसका उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, संचार तथा सूचना के माध्यम से शांति स्थापित करने, गरीबी समाप्त करने, धारणीय विकास तथा अंतर-सांस्कृतिक विचार-विमर्श में योगदान देना है और जिसके अति महत्‍वपूर्ण उद्देश्यों में विकास के एजेंडा में मुख्यधारा की संस्कृति को शामिल करना है। चिल्का को एक विश्व धरोहर स्थल के रूप में विकसित करने तथा झील और इसके आस-पास के क्षेत्रों के संरक्षण संबद्ध धारणीय विकास के प्रति ओएनजीसी द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर यूनेस्को द्वारा अवधारणा नोट प्रस्तुत किया गया था।

    अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून, 2017) को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह बताया गया था कि यूनेस्को चिल्का झील को एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने की प्रक्रिया को सुकर बनाएगा और ओएनजीसी के सीएसआर प्रयास भी चिल्का झील को विश्व धरोहर घोषित करने की इस प्रक्रिया के भाग होंगे। चिल्का झील को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित करने की प्रक्रिया को तलाशने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया था कि चिल्का झील को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने हेतु ओएनजीसी तथा यूनेस्को के मध्य एमओए पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एमओए को अंतिम रूप दिया जाना प्रगति पर है।

Issued By:
Corporate Communications
Oil and Natural Gas Corporation Ltd
New Delhi