ओएनजीसी द्वारा विश्व निशक्तता दिवस पर सहायता मुहैया करवाना
कार्यक्रम को देखने के लिए रविवार की सुबह की ठिठुरती ठंड में इंडिया गेट परिसर में भीड़ एकत्र हुई
रविवार 3 दिसम्बर, 2017 को इंडिया गेट परिसर में उत्सव का माहोल था जब वहां इंडिया गेट लाँन में विश्व निशक्तता दिवस मनाया गया। ओएनजीसी इस कार्यक्रम का गौरवान्वित प्रयोजक था जिसका उद्देश्य दिब्यांगों के संबंध में जागरूकता उत्पन्न करना और भिन्न रूप से समर्थ नागरिकों को बाधारहित तरीके से समाज की मुख्य धारा में शामिल करने को बढ़ावा देना था।
इस कार्यक्रम में समूचे देश से आए दिव्यांगजनों द्वारा प्रस्तुत किए गए कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा मनोरंजन से परिपूर्ण प्रस्तुतियों को देखा गया, जहां उन्होंने दिव्यांगजनों, उनके परिवार के सदस्यों और समाज के समर्थकों की एक प्रसन्नचित भीड़ के सामने अपनी प्रतिभाओं को दर्शाया।
ओएनजीसी के निदेशक - मानव संसाधन श्री डी.डी. मिश्रा ने इस अवसर को अपनी उपस्थिति से सुशोभित किया। इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि ओएनजीसी को इन कार्यक्रमों का हिस्सा बनने पर गर्व है। संयुक्त राष्ट्र के समान अवसरों तथा समावेशन पर केन्द्रित होने वाले एक आवासीय समाज में परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले 2030 के एजेंडा का उल्लेख करते हुए श्री मिश्रा ने धारणीय विकास हेतु शांतिपूर्ण तथा समावेशी समाजों को बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
निदेशक (मानव संसाधन) डी.डी.मिश्रा ने भिन्न रूप से समर्थ पर विशेष फोकस के साथ ओएनजीसी के सीएसआर क्रियाकलापों के संबंध में जनता को जानकारी दी
श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि ओएनजीसी की सीएसआर नीति सभी हेतु समान अवसरों वाले एक समावेशी समाज को बनाने के धारणीय विकास एजेंडा के अनुरूप है। उन्होंने यह तथ्य साझा किया कि ओएनजीसी 17 विभिन्न विधाओं में नियमित कर्मचारियों के रूप में 275 से अधिक दिव्यांगजनों को अत्यधिक सफलतापूर्वक ढंग से नियोजित किए हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि "ओएनजीसी अपने प्रकार के पहले कारपोरेट पैरा खेल की मेजबानी करेगी जहां ओएनजीसी के दिव्यांग कर्मचारी विभिन्न खेलों में प्रतिभागिता करेंगे तथा अपनी क्षमताओं को दर्शाएंगे।"
भिन्न रूप से समर्थ व्यक्तियों द्वारा अपने निशक्तताओं को झुठलाते हुए सांस्कृतिक गतिविधियों का एक भव्य प्रदर्शन आकर्षण का मुख्य केन्द्र था
कार्यक्रम में टविलाइटस चिल्डर्न नामक पुस्तक के आवरण का विमोचन भी किया गया जोकि विभिन्न क्षेत्रों के लेखकों द्वारा लिखी गई कहानियों का संकलन है जिसमें भारत में दिव्यांगजनों की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है। निदेशक मानव संसाधन ने समाज के सभी तबके के मध्य नागरिकों के सम्मान तथा सहयोग द्वारा मुख्य धारा के समाज की मनोवृत्तियों को बदलने के लिए संकल्प लेने तथा कार्य करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया।