स्मार्ट क्लास स्थापित करने के लिए ओएनजीसी को भामाशा पुरस्कार मिला
ओएनजीसी को, राजस्थान के अलवर जिले में 8 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम्स स्थापित करने के लिए राजस्थान राज्य सरकार द्वारा प्रतिष्ठित भामाशाह राज्य स्तरीय पुरस्कार, 2016 प्रदान किया गया।
यह सीएसआर पहल, परियोजना 'एकता' का भाग है। इस परियोजना के अंतर्गत, प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण का लक्ष्य प्राप्त करने और शिक्षा में लैंगिक समानता में वृद्धि करने के लिए अलवर, राजस्थान में प्रारंभिक शिक्षा को सुदृढ़ बनाने हेतु पीपीपी मॉडल अपनाया गया है। परियोजना 'एकता' जिला प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग द्वारा चलाई और कार्यान्वित की जा रही है। विभिन्न कॉरपोरेट्स, गैर-सरकारी संगठनों, सामाजिक संगठनों, अलग-अलग दानदाताओं आदि द्वारा इस परियोजना के अंतर्गत पहले ही 300 से अधिक स्कूल अपना लिए गए हैं।
ओएनजीसी द्वारा स्थापित स्मार्ट क्लासों में से एक
अपनी सीएसआर पहल के एक भाग के रूप में, ओएनजीसी ने, अलवर जिले में आठ सरकारी स्कूलों में से प्रत्येक में एक डॉ. अब्दुल कलाम स्मार्ट क्लास रूम (टीचनेक्स्ट सॉल्यूशन) स्थापित करने के लिए परियोजना 'एकता' को 25 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की। यह परियोजना, गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध करा कर, जिससे छात्रों, विशेष रूप से छात्राओं के नामांकन एवं अवरोधन को समर्थ बनाकर, शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा को सुदृढ़ बनाएगी।
सीएसआर दल, निदेशक (मानव संसाधन) (ऊपर) और निदेशक (अभितट) के साथ गौरवपूर्ण क्षणों का आनंद लेते हुए)
निदेशक (मानव संसाधन) और निदेशक (अभितट) ने, इस अनूठी पहल के लिए सीएसआर दल को बधाई दी और इच्छा व्यक्त की कि इस प्रकार की पहलें, जो ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों में शिक्षा में लैंगिक समानता में वृद्धि करती है, सक्रिय सीएसआर पहल के रूप में कार्यान्वित की जानी चाहिए।
ओएनजीसी की ओर से यह पुरस्कार डॉ. अलका मित्तल, महाप्रबंधक – सीएसआर प्रमुख ने, बिरला सभागार, जयपुर में हाल ही में हुए पुरस्कार समारोह के दौरान श्री कैलाश मेघवाल, सभापति, राजस्थान विधान सभा, राजस्थान राज्य सरकार और प्रो. वासुदेव देवनानी, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री, राजस्थान राज्य सरकार से प्राप्त किया। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र और एक पट्टिका शामिल है।
प्रशस्ति पत्र और पट्टिका
भामाशाह पुरस्कार, 1995 में राजस्थान राज्य सरकार द्वारा संस्थापित किया गया था और इसके भामाशाह, जो राणा प्रताप का वफादार और विश्वासपात्र था, के नाम पर रखा गया है। उसकी जिम्मेदारी, ख्जाने को सुरक्षित रखना और युद्ध के लिए, जब कभी आवश्यक हो, निधियां उपलब्ध कराना थी। इस हैसियत से भामाशाह, अनेक अवसरों पर राणा प्रताप के बचाव में आया, जब मेवाड़ का संरक्षण और सम्मान खतरे में आया।
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