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ONGC Videsh Limited

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड – भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए वैश्विक रूप से कार्यरत

परिचय

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, जो पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन भारत सरकार का एक महारत्‍न, अनुसूची 'क' वाला केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम (सीपीएसई) है, भारत की अग्रणी राष्‍ट्रीय तेल कंपनी (एनओसी) ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) की एक पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली सहायक कंपनी और समुद्रपारीय स्‍कंध है। ओएनजीसी विदेश का प्राथमिक व्‍यवसाय, तेल और गैस के अन्‍वेषण, विकास एवं उत्‍पादन सहित भारत के बाहर तेल और गैस के रकबों की संभावना का पता लगाना है। ओएनजीसी विदेश के स्‍वामित्‍व में 17 देशों में 38 तेल और गैस परिसंपत्तियों में सहभागिता हित है और उसने वित्‍तीय वर्ष 2017 में भारत के घरेलू तेल और प्राकृतिक गैस के उत्‍पादन का क्रमश: 23% और 18.9% का उत्‍पादन किया है। आरक्षित भंडारों और उत्‍पादन के हिसाब से, ओएनजीसी विदेश, अपनी मूल कंपनी ओएनजीसी से केवल अगली, भारत की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी है।

वर्तमान परिसंपत्तियां पोर्टफोलियो

ओएनजीसी विदेश के पास 17 देशों अर्थात् वियतनाम (2 परियोजनाएँ), रूस (3 परियोजनाएँ), सूडान (2 परियोजनाएँ), दक्षिण सूडान (2 परियोजनाएँ), इरान (1 परियोजना), इराक (1 परियोजना), लीबिया (1 परियोजना), म्‍यांमार (6 परियोजनाएँ), सीरिया (2 परियोजनाएँ), ब्राजील (2 परियोजनाएँ), कोलंबिया (7 परियोजनाएँ), वेनेजुएला (2 परियोजनाएँ), कजाकिस्‍तान (1 परियोजना), अजरबेजान (2 परियोजनाएँ), मोजांबिक (1 परियोजना), बंग्‍लादेश (2 परियोजनाएँ) और न्‍यूजीलैंड (1 परियोजना) में 38 तेल और गैस परियोजनाओं में स्‍टेक है। ओएनजीसी विदेश ने मिडस्‍ट्रीम में साहसिक कार्य किया था और 2005 में सूडान में 741 किलोमीटर उत्‍पादन पाइपलाइन परियोजना सफलतापूर्वक पूरी की थी तथा भूमध्‍यसागरीय क्षेत्र में बाकु तब्‍लीसी-सेहान (बीटीसी) पाइपलाइन में एक साझेदार है।

ओएनजीसी विदेश एक संतुलित पोर्टफोलियो दृष्टिकोण अपनाता है और उत्‍पादनशील, खोजी गई, अन्‍वेषण तथा पाइपलाइन परिसंपत्तियों का एक संयोजन बनाए रखता है। वर्तमान में ओएनजीसी विदेश के पास 14 परिसंपत्तियों से तेल और गैस उत्‍पादन है, 4 परिसंपत्तियाँ, जहाँ हाइड्रोकार्बन खोज लिए गए हैं, विकास के विभिन्‍न चरणों में हैं, 16 परिसंपत्तियाँ, अन्‍वेषण के विभिन्‍न चरणों में हैं और 4 परियोजनाएँ, पाइपलाइन परियोजनाएँ हैं।

प्रतियोगितात्‍मक शक्तियाँ

ओएनजीसी विदेश, इस उद्योग में सर्वोत्‍तम कंपनियों के साथ प्रतियोगिता करके अत्‍यधिक प्रतियोगितात्‍मक अंतर्राष्‍ट्रीय तेल और गैस सेक्‍टर में प्रचालन करता है। पिछले कुछ वर्षों में ओएनजीसी विदेश ने प्रचालकों के अपने क्षेत्र में अंतर्निहित सक्षमताएँ और विशेषज्ञता का निर्माण किया है। ओएनजीसी विदेश ने एक्‍सॉनमोबाइल, ब्रिटिश पेट्रोलियम, शैल, ईएनएल, टोटल, रेपसोल, स्‍टेटऑयल, सेवरॉन, पेट्रोब्रास, सोडेको, सोकर, रोसनेफ्ट, देवू, काजमुनेगज (केएमजी), पेट्रो वियतनाम, सीएनपीसी, सिनोपैक, पीडीवीएसए, पेट्रोनास, ऐनाडार्को और इको पेट्रोल सहित अंतर्राष्‍ट्रीय तेल कंपनियों और राष्‍ट्रीय तेल कंपनियों के साथ मजबूत साझेदारी गठबंधन विकसित किया है। इसके पास उत्‍कृष्‍ट तकनीकी और प्रबधन सक्षमताओं के साथ अत्‍यधिक कुशल मानव संसाधन है। इस कंपनी ने मूल्‍यांकन, व्‍याख्‍या, आर्थिक मॉडलिंग, फीड, डिजाइन और तेल तथा गैस परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन के लिए सुविधाएँ निर्मित की हैं और इसके पास ओएनजीसी से प्राप्‍त तकनीकी और मानव संसाधन सहायता उपलब्‍ध है। ओएनजीसी विदेश ने उचित अध्‍यवसाय, तकनीकी वाणिज्यिक मूल्‍यांकनों, बोली सौदेबाजियों और लेनदेन संबंधी दस्‍तावेजीकरण में बड़ी विशेषज्ञता विकसित कर ली है।

आरक्षित भंडार

ओएनजीसी विदेश के पास 01.04.2017 को यथास्थिति, लगभग 743 एमएमटीओई के अनंतिम 3पी आरक्षित भंडार हैं।

उत्‍पादन संबंधी कार्य-निष्‍पादन

ओएनजीसी विदेश, विदेश में इक्विटी तेल और गैस का उत्‍पादन करने वाली भारत की पहली कंपनी है। ओएनजीसी विदेश का उत्‍पादन जनवरी, 2003 में वियतनाम में ब्‍लॉक 06.1 के उत्‍पादन के प्रारंभण के साथ 2002-03 में और यह मार्च, 2003 में सूडान में ग्रेटर नील तेल परियोजना से आरंभ हुआ था, जो वित्‍तीय वर्ष 03 में 0.25 एमएमटीओई मात्र ही था। अपनी अर्जित की गई परिसंपत्तियों से उत्‍पादन में स्‍थायी वृद्धि के साथ ओएनजीसी विदेश का उत्‍पादन 2010-11 में 9.448 एमएमटीओई पहुंच गया। सूडान और दक्षिणी सूडान में प्रतिकूल भू-गर्भीय-राजनीतिक स्थितियों और सीरिया में नियंत्रण से बाहर की स्थिति के कारण 2012-13 में तेल के उत्‍पादन का स्‍तर गिरकर 7.260 एमएमटीओई हो गया। तथापि, 2013-14, 2014-15 और 2015-16 में उत्‍पादन का स्‍तर बढ़कर क्रमश: 8.357 एमएमटीओई, 8.874 एमएमटीओई और 8.916 एमएमटीओई हो गया। इसका मुख्‍य कारण पोर्टफोलियो में वृद्धि और बेहतर प्रबंधन था। 2016 में वेंकोरनेफ्ट में 26% स्‍टेक के अधिग्रहण के साथ ओएनजीसी विदेश का उत्‍पादन 2016-17 में में बढ़कर 12.803 एमएमटीओई हो गया।

वृद्धि - नए क्षितिज – हाल ही में किए गए अधिग्रहण

ओएनजीसी विदेश द्वारा पिछले कुछ समय में निम्‍नलिखित नए अधिग्रहण किए गए:

उत्‍पादनशील परिसंपत्तियाँ

  1. मार्च, 2013 में ओएनजीसी विदेश ने अपस्‍ट्रीम में हैस कार्पोरेशन का 2.72%  और 1 बिलियन अमरीकी डॉलर के लिए अजरबेजान में बीटीसी पाइपलाइन में 2.36% स्‍टेक अधिगृहीत किया। एसीजी, अजरबेजान का सबसे बड़ा तेल और गैस फील्‍ड परिसर है। वर्ष 2016-17 के दौरान एसीजी का औसत उत्‍पादन प्रति दिन लगभग 612 हजार बैरल था।
  2. दिसंबर, 2013 में ओएनजीसी विदेश ने 561 मिलियन अमरीकी डॉलर के खरीद प्रतिफल के लिए कम्‍पोज बेसिन, ब्राजील में ब्‍लॉक बीसी-10, जो एक गहन जल अपतट बलॉक है, में अतिरिक्‍त 12% सहभागिता हित अधिगृहीत किया, जिसके परिणामस्‍वरूप इस ब्‍लॉक में इसका कुल सहभागिता हित 27% हो गया। प्रचालक (शैल) के पास अब 50% सहभागिता हित है और कातर पेट्रोलियम इंटरनेशनल के पास इस ब्‍लॉक में शेष 23% सहभागिता हित है। इस अतिरिक्‍त 12% सहभागिता हित ने ओएनजीसी विदेश के लिए वर्ष 2016-17 में लगभग 4,891 बैरल तेल प्रति दिन की वृद्धि कर दी है।
  3. ओएनजीसी विदेश लिमिटेड ने सीएसजेसी वेंकोरनेफ्ट, जो रूसी परिसंघ के कानून के अंतर्गत संगठित एक कंपनी है, जो वेंकोर फील्‍ड तथा उत्‍तरी वेंकोर लाइसेंस की मालिक है, में 2.198 बिलियन अमरीकी डॉलर के प्रतिफल के लिए 26% इक्विटी (31 मई, 2016 को 15% इक्विटी और 28 अक्‍तूबर, 2016 को अतिरिक्‍त 11% इक्विटी) अधिगृहीत की है। रोसनेफ्ट तेल कंपनी, जो रूस की राष्‍ट्रीय तेल कंपनी है, के पास वेंकोरनेफ्ट में 50.1% शेयर हैं। भारतीय तेल के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, जिनमें ऑयल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रो रिसोर्सिज लिमिटेड शामिल हैं, के भारतीय संघ के पास बाकी 23.9% इक्विटी है।

    वेंकोर उत्‍पादन के हिसाब से रोजनेफ्ट की (और रूस की) दूसरी सबसे बड़ी फील्‍ड है और इसके पास रूस के उत्‍पादन का लगभग 4% भाग है। इस फील्‍ड से दैनिक उत्‍पादन औसतन कच्‍चे तेल का लगभग 0.4 मिलियन बीपीडी है।

खोजी गई परिसंपत्तियाँ

  1. ओएनजीसी विदेश और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने वीडियोकॉन मोजांबिक रोगुमा । लिमिटेड में 100% शेयर अधिगृहीत किए हैं, इस कंपनी के पास 07 जनवरी, 2014 को 2,475 मिलियन अमरीकी डॉलर (ओएनजी का हिस्‍सा 1511 मिलियन अमरीकी डॉलर) के लिए मोजांबिक (क्षेत्र।) में रोगुमा क्षेत्र। अपतट ब्‍लॉक में 10% सहभागिता हित है।
  2. ओएनजीसी विदेश ने 28 फरवरी, 2014 को अनाडारको मोजांबिक क्षेत्र । लिमिटेड, जो अनाडारको की संबद्ध कंपनी है, से 2,640 मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए मोजांबिक में उसी रोगुमा क्षेत्र । अपतट ब्‍लॉक में सीधे 10% सहभागिता हित भी अधिगृहीत किया है।

अन्‍वेषणात्‍मक परिसंपत्तियाँ

  1. दिसंबर, 2012 में ओएनजीसी विदेश ने कोलंबिया बोली चक्र-2012 में कोलंबिया में दो अन्‍वेषण ब्‍लॉक अधिगृहीत किए। पहला ब्‍लॉक जीयूएओएफएफ-2, 1171.34 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला एक अपतट ब्‍लॉक है और कैरिबियन अपतट में ओएनजीसी विदेश द्वारा प्रचालित ब्‍लॉक आरसी-10 के निकट स्थित है। दूसरा ब्‍लॉक लानोस-69, जो प्रॉलिफिक लानोस बेसिन में एक अभितट ब्‍लॉक है, ओएनजीसी विदेश और चीन की राष्‍ट्रीय तेल कंपनी सिनोपैक की संयुक्‍त उद्यम कंपनी मानसरोवर इनर्जी कोलंबिया लिमिटेड – 50-50 के जरिए उसी बोली चक्र में अधिगृहीत किया गया था।
  2. सितंबर, 2013 में ओएनजीसी विदेश के नेतृत्‍व में भारतीय तेल के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों वाले 50-50 संघ को बंग्‍लादेश में दो छिछले जल ब्‍लॉक नामत: एसएस-04 और एसएस-09 अवार्ड किए गए थे। इन ब्‍लॉकों के लिए उत्‍पादन साझेदारी संविदाओं पर फरवरी, 2014 में हस्‍ताक्षर किए गए थे।
  3. अक्‍तूबर, 2013 में ओएनजीसी विदेश को म्‍यांमार अभितट बोली चक्र 2013 में दो अभितट ब्‍लॉक, नामत: बी-2 और ईपी-3 अवार्ड किए गए थे। इन ब्‍लॉकों के लिए उत्‍पादन साझेदार संविदाओं पर 08 अगस्‍त, 2014 को हस्‍ताक्षर किए गए हैं।
  4. ओएनजीसी विदेश ने तारानाकी अपतट बेसिन में स्थित एक अन्‍वेषणात्‍मक संभावना हेतु ''न्‍यूजीलैंड बोली चक्र 2014'' के जरिए एशिया पैसिफिक क्षेत्र में प्रवेश किया और ओएनजीसी विदेश को न्‍यूजीलैंड सरकार द्वारा 09 दिसम्बर, 2014 को एक अन्‍वेषणात्‍मक परमिट पीईपी 57090 अवार्ड किया गया है।